Move to Jagran APP

पांच बार पंजाब के सीएम रहे बादल के बिल भी तीन साल लटकेे, पढ़ें और भी रोचक खबरें...

पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के मेडिकल बिल तीन साल बाद पास हुए। कॉलम खबर पर्दे के पीछे की में पढ़ें कुछ ऐसी ही रोचक खबरें...

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 02:52 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 02:52 PM (IST)
पांच बार पंजाब के सीएम रहे बादल के बिल भी तीन साल लटकेे, पढ़ें और भी रोचक खबरें...
पांच बार पंजाब के सीएम रहे बादल के बिल भी तीन साल लटकेे, पढ़ें और भी रोचक खबरें...

चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। पांच बार पंजाब की कमान संभाल चुके वयोवृद्ध अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल के मेडिकल बिलों को आखिर तीन साल बाद स्वास्थ्य विभाग ने पास कर ही दिया है। अब ये बिल वित्त विभाग के पास चले गए हैं। लगभग 18.25 लाख रुपये के इन बिलों पर विभाग ने कई तरह के ऐतराज लगाए हुए थे। ये बिल आठ फरवरी से 20 फरवरी 2017 के हैं।

loksabha election banner

सत्ता बदलते ही बादल के बिलों को पास होने में तीन साल से ज्यादा समय लग गया। जब वह मुख्यमंत्री थे तो यही स्वास्थ्य विभाग उन्हें विदेश में इलाज करवाने के लिए एडवांस में पैसे जारी करता था। अब वह सीएम नहीं रहे तो उनके बिलों को पास होने में तीन साल लग गए। देर से ही सही, पूर्व मुख्यमंत्री को अहसास तो हुआ ही होगा कि आम कर्मचारी को अपने बिलों की अदायगी के लिए कैसे सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं।

क्या सुखबीर भेज रहे पैसा?

सुखबीर बादल और मनप्रीत बादल में 36 का आंकड़ा है, इससे तो हर कोई परिचित है। दोनों एक-दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए राशन का मामला हो या फिर गरीबों के खातों में सीधे पैसे भेजने का, सुखबीर इन सुविधाओं को आम लोगों तक न पहुंचाने को लेकर मनप्रीत को दोषी बताते रहे हैं क्योंकि वह वित्तमंत्री हैं।

दूसरी ओर जब इन सभी सुविधाओं के बारे में मनप्रीत ने केंद्र सरकार का खाता खोलकर मीडिया के सामने रखा तो अकालियों ने इसे राशन घोटाला बताना शुरू कर दिया। केंद्रीय टैक्सों का पंजाब को जब हिस्सा मिला तो सुखबीर ने कहा कि यह केंद्र ने दिया है। इस पर मनप्रीत बोले, सुखबीर को लगता है कि वही केंद्र में चेक काटकर पंजाब को भेज रहे हैं...। अपने हिस्से का टैक्स तो सभी राज्यों को मिला है।

मुश्किल में अकाली दल

खेती से संबंधित तीन ऑर्डिनेंस का समर्थन कर शिरोमणि अकाली दल बुरी तरह से फंस गया है। चूंकि पंजाब की सभी सियासी पार्टियों, किसान संगठनों ने इस मामले में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर दी है, इसलिए अकाली दल की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। पंजाब के खेती विशेषज्ञ भी इसे राज्य की किसानी, मंडीकरण सिस्टम के लिए खतरा बता रहे हैं।

अंदर की बात यह है कि सरकार अकाली दल को हाशिए पर धकेलने के लिए जहां विशेष सत्र बुलाने पर राजी हो गई है, वहीं इसका टीवी पर लाइव टेलीकास्ट करने पर भी विचार हो रहा है, जिससे पंजाब के किसानों को पता चल सके कि उनके हितों की रक्षा करने वाली पंथक पार्टी के नेता इन ऑर्डिनेंस पर क्या कह रहे हैं? उधर, अकाली नेताओं ने भी विभिन्न खेती माहिरों से सलाह लेनी शुरू कर दी है कि अब उन्हें क्या करना चाहिए? 

सीनेट की मीटिंग ही नहीं होती

पिछले दिनों दो पत्रकारों को पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला की सीनेट का मेंबर बनाने की खबरें सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुईं। दोनों ही वरिष्ठ पत्रकारों को बधाइयां देने वालों का तांता लगा रहा। पंजाबी यूनिवर्सिटी की पिछली सीनेट के मेंबर्स ने बताया कि जब वे मेंबर बने थे तो उन्हें भी कइयों ने बधाइयां दी थीं, लेकिन तीन साल में यूनिवर्सिटी की सीनेट की एक भी मीटिंग नहीं हुई। वे बोले, हमने तो सोचा था कि हम यहां से पढ़े हैं तो इसका अक्स सुधारने के लिए जब मीटिंग होगी तो कई तरह के सुझाव देंगे। अब एक और बात सुनने में आ रही है कि प्रदेश सरकार ने यूनिवर्सिटी में एक पूर्व आइएएस अधिकारी मनजीत सिंह नारंग को ऑनरेरी सलाहकार नियुक्त कर दिया है। ये वही नारंग साहब हैं जिन्हें जब पीआरटीसी का एमडी लगाया गया था तो उन्होंने इस डूबती हुई कारपोरेशन को खड़ा कर दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.