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कोरोना इमरजेंसी ड्यूटी में पावरकॉम के 15 कर्मचारी हुए अपाहिज

मोहाली फेज-10 स्थित श्रम भवन के सामने बुधवार को बिजली ठेका कर्मचारियों ने मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 06:38 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 06:16 AM (IST)
कोरोना इमरजेंसी ड्यूटी में पावरकॉम के 15 कर्मचारी हुए अपाहिज
कोरोना इमरजेंसी ड्यूटी में पावरकॉम के 15 कर्मचारी हुए अपाहिज

जागरण संवाददाता, मोहाली : मोहाली फेज-10 स्थित श्रम भवन के सामने बुधवार को बिजली ठेका कर्मचारियों ने मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने पंजाब के श्रम मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, विभाग के अधिकारियों, पावरकॉम मैनेजमेंट के खिलाफ रोष जताया। इस दौरान ठेका कर्मचारी और ड्यूटी के दौरान हादसे में अपाहिज हो चुके कर्मचारी परिवार के सदस्यों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए। अपाहिज कर्मचारियों बेड पर लेट कर प्रदर्शन करने पहुंचे थे।

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कर्मचारियों ने सुनाई आपबीती

पटियाला में ड्यूटी के दौरान रीढ़ हड्डी तुड़वा चुके हरजीत सिंह (24) के पिता बलबीर सिंह ने बताया कि बीती चार मई को हरजीत मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के महल के पास 12000 बोल्ट की तार की रिपेयरिग कर रहा था। इस दौरान वह नीचे गिर गया और उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई। अब वह बिस्तर पर है और बोल भी नहीं सकता।

-अबोहर के विक्की कुमार (26) ने बताया कि वर्ष 2017 में ड्यूटी के दौरान उसे करंट लग गया। इस दौरान दोनों बाजू टूट गए। एक टांग से अपाहिज हो गया। बावजूद इसके सरकार ने अभी तक कोई मुआवजा नहीं दिया। क्योंकि वे ठेके पर काम कर रहे थे। ये है कर्मचारियों की मांगें कर्मचारियों ने पंजाब सरकार से मांग की कि विभाग में चल रही छंटनी की नीति को फौरन रोका जाए। ड्यूटी के दौरान हादसों में अपाहिज हुए कर्मचारियों के पारिवारिक सदस्यों को नौकरी दी जाए। ताकि उनका घर चल सके। वहीं कर्मचारियों ने श्रम मंत्री की मौजूदगी में हुए सभी फैसलों को लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि नौकरी से निकाले गए कर्मियों की बहाली की जाए।

कोरोना काल में 15 कर्मचारी हो चुके अपाहिज

इस दौरान कर्मचारियों के सूबा प्रधान बलिहार सिंह, जनरल सचिव वरिदर सिंह ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान इमरजेंसी ड्यूटी देते समय करंट लगने से अब तक 15 कर्मचारी अपाहिज हो चुके हैं। जबकि 2016 से लेकर अब तक 155 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अगर मांगें पूरी न की गई तो संघर्ष ओर तेज किया जाएगा। प्रदर्शन पर रोक जुटी भीड़, बच्चे भी हुए शामिल

प्रशासन की ओर से जिले में प्रदर्शनों पर रोक लगा रखी है। लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शन करने के लिए कर्मचारी परिवार के सदस्यों के साथ पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके। प्रदर्शनकारियों ने फिजिकल डिस्टेंसिग को नजरअंदाज कर और मास्क भी नहीं पहने थे। डीएसपी कंवलदीप सिंह ने कहा कि इनके पास प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी। नियमों के तहत कार्रवाई होगी।


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