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पंजाब में पावर गेम, नवजोत सिंह सिद्धू की अब एजी नंदा में ठनी

पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की अब राज्‍य के महाधिवक्‍ता (एजी) अतुल नंदा से ठन गई है। विवाद विभाग के केसों के लिए वकीलों के चयन पर है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 09:33 AM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 09:14 PM (IST)
पंजाब में पावर गेम, नवजोत सिंह सिद्धू की अब एजी नंदा में ठनी
पंजाब में पावर गेम, नवजोत सिंह सिद्धू की अब एजी नंदा में ठनी

चंडीगढ़, [मनोज त्रिपाठी]। पंजाब के स्‍थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की अब राज्‍य के महाधिवक्‍ता (एजी) अतुल नंदा से ठन गई है। सिद्धू अौर नंदा स्थानीय निकाय विभाग के केसों की पैरवी को लेकर आमने-सामने आ गए हैं। नंदा के दफ्तर की कवायद है कि निकाय विभाग के विभिन्न अदालतों में चल रहे केसों की पैरवी के लिए वकीलों का चयन उनकी तरफ से किया जाए। सिद्धू इससे सहमत नहीं हैं। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि निकाय विभाग के केसों की पैरवी के लिए विभाग की तरफ से बनाई गई व्यवस्था का ही पालन किया जाए।

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निकाय विभाग के मामलों की अदालत में पैरवी का मामले पर मतभेद

निकाय विभाग व नागरिकों के बीच विभिन्न अदालतों में 4400 ज्यादा केस पेंडिंग चल रहे हैं। इनमें नगर निगमों व नगर परिषदों के केस शामिल नहीं हैं। इन केसों में 1700 से ज्यादा केस पांच साल से ज्यादा पुराने हैं। इनकी पैरवी के लिए निकाय विभाग में लीगल सेल बनाया गया है।

लीगल सेल के साथ वकीलों को अटैच किया जाता है। सेल के साथ अटैच वकीलों में से विभाग की तरफ से बनाया गया पैनल जिस केस को सौंपता है, उसकी पैरवी वही वकील करता है। अगर विभाग को केस की पैरवी में ढिलाई नजर आती है, तो विभाग जरूरत के हिसाब से वकीलों को बदल भी देता है।

एजी दफ्तर चाहता है वकीलों के चयन का अधिकार उसे मिले, लेकिन सिद्धू को मंजूर नहीं

अब एजी दफ्तर ने नया फॉर्मूला निकाला है कि सरकारी विभागों के विभिन्न अदालतों में चल रहे केसों की रियल टाइम पैरवी करवाई जाए। उसके लिए कौन सा केस किस वकील ने लड़ना है, यह भी एजी कार्यालय ही फाइनल करे। निकाय विभाग के अधिकारियों का मानना है कि ऐसा होने से विभाग के केसों की पैरवी में काफी अंतर पड़ेगा और विभाग में कानूनी तौर पर एजी दफ्तर की घुसपैठ हो जाएगी। यह बात निकाय अधिकारियों को हजम नहीं हो रही। नतीजतन मामला बीते दिनों सिद्धू के दरबार में पहुंचाया गया।

सिद्धू भी अधिकारियों के तर्क से सहमत नजर आए। इसके बाद उन्होंने इस बात पर स्पष्ट स्टैंड ले लिया कि उनके विभाग में एजी दफ्तर की घुसपैठ नहीं होने दी जाएगी। सिद्धू ने निकाय अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि केसों के लिए वकीलों के चयन को लेकर कमेटी बनाई जाए। कमेटी के चेयरमैन सिद्धू होंगे और सचिव व डायरेक्टर कमेटी में शामिल होंगे। इस संबंध में निकाय विभाग की तरफ आधिकारिक तौर पर एजी दफ्तर को जानकारी दे दी गई है। उसके बाद से अब पावरगेम में सिद्धू व नंदा आमने-सामने हैं।

व्यवस्था को खराब नहीं होने देंगे : सिद्धू

स्‍थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का कहना है कि बतौर विभाग प्रमुख वह व्यवस्था को खराब नहीं होने देंगे। निकाय विभाग के अधिकारियों को बेहतर पता होता है कि कौन-कौन से केस के लिए कौन-कौन से वकील सही रहेंगे। हमारी कोशिश है कि सालों पुराने चल रहे केसों की पैरवी नए वकील कैसे करेंगे। हम निकाय विभाग की व्यवस्था को सही करने में लगे हैं।


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