Haryana, Punjab & Chandigarh Weather Alert: तीन दिन तक बारिश की संभावना, चल सकती हैं तेज हवाएं
Weather Forecast आज से तीन दिन तक पंजाब हरियाणा व चंडीगढ़ में मौसम में भारी बदलाव देखने को मिल सकता है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तीन दिन चंडीगढ़ पंजाब व हरियाणा के कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है।
जेएनएन, चंडीगढ़। Three Day's Weather Forecast: आज से आने वाले तीन दिनों तक चंडीगढ़, पंजाब व हरियाणा के कुछ हिस्सों में जोरदार बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में भारी बारिश के साथ आंधी चलने की भी संभावना है। इसके साथ ही पंजाब और हरियाणा में तीन दिनों तक 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। इस दौरान राहगीरों को सावधानीपूर्वक चलना होगा। सबसे ज्यादा दो पहिया वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को सचेत रहने की जरूरत है।
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि प्री-मानसून के चलते आंधी तूफान आ रहा है। प्री-मानसून सीजन में अक्सर आंधी तूफान चलते हैं और चंडीगढ़ रीजन में यह सिलसिला तब तक चलता रहेगा जब तक मानसून दस्तक नहीं देता। विभाग के अनुसार जून के मध्य तक आंधी तूफान चलने का सिलसिला चलता रहेगा। चंडीगढ़ रीजन में मार्च, अप्रैल और मई में आंधी चलती रहती है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार इस बार हवा की रफ्तार 40 से 50 किमी प्रति घंटा हो सकती है। रविवार को शहर के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भारी गिरावट देखने को मिली। अधिकतम तापमान चार डिग्री गिरावट के साथ 34.9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान छह डिग्री गिरावट के साथ 18.5 डिग्री रिकार्ड किया गया।
सात साल बाद हुई मई में इतनी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को 31.8 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। इससे पहले साल 2014 में 57.1 एमएम बारिश हुई थी। सात साल बाद मई में हुई यह सबसे अधिक बारिश है। हालांकि अभी मई का एक दिन यानी आज का दिन बाकी है। संभावना जताई रही है कि मई में हुई बारिश का पिछले दस सालों का रिकार्ड टूट सकता है।
चंडीगढ़ में 17 जगहों पर गिरे पेड़
शनिवार को चली आंधी में अलग-अलग जगहों पर 17 पेड़ों के गिरने की जानकारी है। इसके अलावा कई जगहों पर बिजली के खंबे भी सड़क पर गिरे नजर आए। कई पेड़ों के गिरने से लोगों की संपत्ति को भी काफी नुकसान हुआ है, लेकिन पेड़ गिरने की घटना में किसी जान की हानि होने की कोई सूचना नहीं है, जो पेड़ आंधी की वजह से गिरे है उनमें शहतूत और सफेदे के पेड़ ज्यादा हैं।