रेलवे स्टेशन पर खुले में पड़े पार्सल कभी बन सकते हैं बड़े हादसे की वजह
लापरवाही का आलम यह है कि न तो इन पार्सलों की संभाल की जाती है, और न ही कोई देखरेख के लिए कोई सुरक्षाकर्मी तैनात होता है, जबकि चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर चारों तरफ से खुली इंट्री है।
विकास शर्मा, चंडीगढ़: चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के इंतजाम इतने बदहाल हैं कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। आलम यह है कि चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के अलग-अलग प्लेटफार्म पर खुलेआम पार्सल पड़े रहते हैं। लापरवाही का आलम यह है कि न तो इन पार्सलों की संभाल की जाती है, और न ही कोई देखरेख के लिए कोई सुरक्षाकर्मी तैनात होता है, जबकि चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर चारों तरफ से खुली इंट्री है। ऐसे में कोई भी इन पार्सलों के ढ़ेर में कुछ भी रखकर आसानी से गायब हो सकता है। दूसरी तरफ पार्सल विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि उनके पास स्टोर रूम नहीं है जिस वजह से उन्हें पार्सल खुले में रखने पड़ते हैं। रेलवे स्टेशन में चारों तरफ हैं इंट्री प्वाइंट
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन को पंजाब-हरियाणा, हिमाचल और जम्मू कश्मीर का गेटवे माना जाता है। देश के इस फर्स्ट क्लास रेलवे स्टेशन से रोजाना 54 गाडिय़ा चलाई जाती है, जिनमें 10 से हजार से ज्यादा यात्री सफर करते हैं, बावजूद इसके चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के कहीं भी पुख्ता इंतजाम नहीं दिखते हैं। मेटल डिटेक्टर खराब पड़ा, कई जगहों पर इंट्री प्वाइंट हैं और कई स्थान सीसीटीवी की हद से बाहर पड़े हैं। रेलवे को रोजाना होती है तीन से चार लाख की कमाई
ट्राईसिटी और बद्दी इंडस्ट्री का भी कच्चा -पक्का माल चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से जाने वाली ट्रेनों के माध्यम से देश के कोने में पहुंचता है। इन ट्रेनों से औसतन रोजाना 8 से 10 टन माल की आवाजाही होती थी। इससे चंडीगढ़ रेलवे को औसतन रोजाना तीन लाख के करीब कमाई होती है, बावजूद इसके रेलवे अभी तक पार्सल स्टोर रूम बनाने की जहमत नहीं उठा रहा है। वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनाने के चलते लटके हैं कई प्रोजेक्ट
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन के डायरेक्टर हरिदीप कुमार ने बताया कि स्टेशन पर कई विकास कार्य इसलिए लटके हुए हैं क्योंकि जल्द चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग को तोड़कर वर्ल्ड क्लास बिल्डिंग का स्वरूप दिया जाएगा, इसलिए रेलवे के कई प्रोजेक्ट रूके हुए हैं।