राशन देने से पहले घरों की वीडियो बनाकर गरीब लोगों को किया जा रहा अपमानितः AAP
गर्ग का कहना है कि उनकी राय में एक गरीब परिवार के लिए उचित है कि वह इन अनिश्चित समयों के दौरान कुछ खाद्य पदार्थ घर पर रखें। प्रशासन कुछ राशन और पके हुए भोजन की आपूर्ति करवाए।
चंडीगढ़, जेएनएन। कर्फ्यू के बीच जरूरतमंद परिवारों को भोजन वितरण से पहले उनके घरों की वीडियो रिकॉर्ड करने पर आम आदमी पार्टी ने आपत्ति जताई है। पार्टी के संयोजक प्रेम गर्ग का कहना है कि हालांकि हम इस कठिन परिस्थिति के दौरान गरीब निवासियों की जरूरतों को पूरा करने में प्रशासन द्वारा किए जा रहे कठिन परिश्रम की सराहना करते हैं, लेकिन हम कुछ वायरल वीडियो को देख कर परेशान हैं। इन वीडियो में पुलिसकर्मियों को गरीब लोगों के क्वार्टर में प्रवेश करते और खोजते हुए दिखाते हैं, जो हेल्पलाइन नंबर पर भोजन आदि के लिए कॉल करते हैं।
गर्ग ने कहा हमें बताया गया है कि जब किसी को भी भोजन भेजने से पहले हेल्पलाइन के अधिकारी पुलिसकर्मियों को मदद मांगने वालों के घरों में भेजते हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उनके घरों में पहले से ही कोई राशन है या नहीं। यही नहीं, यह भी कहा गया कि वीडियो पुलिसकर्मियों द्वारा रिकॉर्ड किए जा रहे हैं। कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से गरीब परिवारों को अपमानित कर रहे हैं।
गर्ग का कहना है कि उनकी राय में एक गरीब परिवार के लिए उचित है कि वह इन अनिश्चित समयों के दौरान कुछ खाद्य पदार्थ घर पर रखें। प्रशासन कुछ राशन और पके हुए भोजन की आपूर्ति करवाए। जबकि हम इस बात की सराहना करते हैं कि निगम, प्रशासन और पुलिस अधिकारी पहले से ही वर्तमान स्थिति को संभालने में एक उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं, लेकिन उन्हें घरों में घुसने और बिना किसी वारंट के तलाशी लेने से बचना चाहिए। अगर कोई चंडीगढ़ प्रशासन के इस तरह के कार्यों को अदालत में चुनौती देता है, तो निगम, पुलिस विभाग के लिए शर्मिंदगी हो सकती है। पका हुआ भोजन देने के लिए ऐसी कोई जांच नहीं होनी चाहिए।
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