भाजपा पार्षदों की राजनीति शहरवासियों पर हावी, पानी के रेट्स रिवाइज करने का मुद्दा एक महीने के लिए टला
Chandigarh Municipal Corporation Meeting जिन मामलों पर चर्चा करने के लिए पार्षद सदन की फिजिकल बैठक बुलाने की मांग कर रहे थे अब वह एक महीने के लिए टल गए हैं। इनमे सबसे बड़ा मुद्दा पानी के रेट्स रिवाइज करने का था।
चंडीगढ़, जेएनएन। नगर निगम की सदन की बैठक में भाजपा पार्षदों के वर्चुअली शामिल न होने से राजनीति जरूर चमक रही है लेकिन इसका नुकसान शहरवासियों को हो रहा है। जिन मामलों पर चर्चा करने के लिए पार्षद सदन की फिजिकल बैठक बुलाने की मांग कर रहे थे, अब वह एक महीने के लिए टल गए हैं। इनमे सबसे बड़ा मुद्दा पानी के रेट्स रिवाइज करने का था। जब तक अगले माह सदन की बैठक होगी, तब तक बढ़े हुए रेट के आधार पर पानी के बिल शहरवासियों को पहुंच जाएंगे। इसकी अधिसूचना प्रशासन पिछले महीने ही जारी कर चुका है।
पिछले महीने मेयर राजबाला मलिक को कोरोना होने के कारण सदन की बैठक नहीं हो पाई। इसके अलावा इस समय शहर के कई मुद्दे हैं जिन पर शहरवासियों को सदन की बैठक में हल की उम्मीद थी लेकिन अब सदन की बैठक अगले महीने ही होगी।
भाजपा हाईकमान तक पहुंचा मामला
भाजपा संगठन मंत्री दिनेश कुमार को मेयर ने आश्वासन दिया था कि वर्चुअल मीटिंग के बाद अगली बैठक फिजिकल बुलाई जाएगी। ऐसे में अब सभी अहम मुद्दों पर चर्चा एक माह के लिए लटक गई है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा पार्षदों की ओर से सदन की वर्चुअल मीटिंग का बहिष्कार करने के मामले में मेयर ने सांसद किरण खेर से भी बात की है। पार्टी हाईकमान तक भी यह मामला पहुंच गया है।
पार्षदों ने अधिकारियों पर फोड़ा ठीकरा
मंगलवार को सदन की बैठक स्थगित करने के बाद किरकिरी से बचने के लिए भाजपा ने शाम को अधिकारियों पर ठिकरा फोड़ते हुए प्रेस नोट जारी किया। इसमें बताया गया कि चाहे पानी के बढ़े हुए दाम हों, घर-घर कूड़ा एकत्रित करने वालों एवं सफाई कर्मचारियों की समस्याएं हों, गांवों की बात हो, स्ट्रीट वेंडर्स के रोजगार की बात हो, सेक्टर 23 के शेड के बढ़े हुए किराये का विषय हो या पार्षदों के अपने वार्ड के लंबित पड़े विकास कार्य हों, किसी भी मामले में अधिकारी संतोषजनक उत्तर नहीं दे पा रहे हैं।
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