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Navjot sidhu पर सियासी घमासान, कांग्रेस में फिर मंत्री पद मिलने के संकेत तो आप में खींचतान

पंजाब की सियासत नवजोत सिंह सिद्धू पर गर्मा गई है। कांग्रेस में फिर उनको मंत्री बनाए जाने के संकेत हैं तो आप में उनकाे लेकर खींचतान है। भगवंत मान ने कहा कि सिद्धू मुद्दा नहीं हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 10:07 AM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 05:25 PM (IST)
Navjot sidhu पर सियासी घमासान, कांग्रेस में फिर मंत्री पद मिलने के संकेत तो आप में खींचतान
Navjot sidhu पर सियासी घमासान, कांग्रेस में फिर मंत्री पद मिलने के संकेत तो आप में खींचतान

चंडीगढ़, जेएनएन। पूर्व मंत्री और फायर ब्रांड नेता नवजोत सिंह सिद्धू पर पंजाब की राजनीति एक बार गर्मा गई है। कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से उनकी मुलाकात के बाद पंजाब कांग्रेस में हलचल बढ़ गई है और संकेत मिल रहे हैं कि उनकी पंजाब कैबिनेट पंजाब में वाइल्‍ड कार्ड एंट्री हो सकती है। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी द्वारा सिद्धू को ऑफर दिए जाने के बाद पार्टी में खींचतान मच गई है। पंजाब आप के प्रधान भगवंत मान ने पूरे प्रकरण में एक तरह से अपनी नाखुशी जाहिर कर दी है। उन्‍होंने कहा कि सिद्धू आप के लिए कोई मुद्दा नहीं हैं। वैसे, सिद्धू का पार्टी में स्‍वागत करने की बात भी कही है।

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पंजाब में राजनीतिक हालात तेजी से बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद पंजाब में आप में नई शक्ति पैदा हुई है तो शिरोमणि अकाली दल से बाहर होने के बाद ढींडसा पिता-पुत्र नया फ्रंट तैयार करने में जुटे हैं। इन सब के बीच अरसे से अज्ञातवास में चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू की नई हलचल ने पंजाब कांग्रेस में सरगर्मी बढ़ा दी है। सिद्धू की सोनिया गांधी और प्रियंका वाड्रा से मुलाकात से कांग्रेस में नई संभावनाएं और चर्चाएं शुरू हो गई है।

गतिरोध टूटा तो नवजोत सिंह सिद्धू की पंजाब कैबिनेट में हो सकती है वाइल्ड कार्ड एंट्री

माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान सिद्धू को पंजाब कैबिनेट में पुन: वाइल्ड कार्ड एंट्री दिलाना चाहता है। इस सबके बावजूद ऐसा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच गतिरोध टूटने के बाद ही संभव है। दोनों नेताओं के बीच अब भी गतिरोध और दूरियां हैं। समझा जाता है कि काफी समय से उनके बीच संवाद तक नहीं है।

सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ पिछले दिनों मुलाकात के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू।

सोनिया गांधी और प्रियका से सिद्धू की मुलाकात के बाद पंजाब कांग्रस में हलचल हुई तेज

सोनिया गांधी से मुलाकात कर सिद्धू ने भले ही नए संकेत दे दिए हैं, लेकिन उनकी स्थिति वैसी ही है जैसी छह माह पहले थी। कैबिनेट में शामिल करने के बाद भी कैप्टन अमरिंदर सिंह पुन: सिद्धू को स्थानीय निकाय विभाग देने के हक में नहीं हैैं, दूसरी ओर नवजोत इससे कम पर तैयार नहीं हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजे के आने के बाद सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू से निकाय विभाग लेकर उनको बिजली विभाग दे दिया था। इससे नाराज होकर सिद्धू ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

सिद्धू कैबिनेट में शामिल होने पर स्‍थानीय निकाय विभाग के लिए अड़े हैैं, कैप्टन तैयार नहीं

कांग्रेस की परेशानी यह है कि अगर इस मामले का हल नहीं निकला तो पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। सियासी जानकारों का कहना है कि नवजोत सिंह सिद्धू पार्टी में रहकर 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का बेड़ा पार लगा पाएं या नहीं, लेकिन पार्टी से बाहर होकर वह उसकी 'चुनावी नाव' जरूर डुबा सकते हैं। दिल्ली में जीत के बाद आप और इससे पहले से ही शिरोमणि अकाली दल टकसाली की नजरें सिद्धू पर टिकी हुई हैं। दोनों दलों की ओर से उनको खुला ऑफर दिया गया है, वैसे सिद्धू की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

दूसरे दलों से ऑफर के बीच सोनिया से मुलाकात कर कांग्रेस में ही बने रहने के संकेत दिए

इन सबके बीच सिद्धू ने सोनिया गांधी से मुलाकात करके इस बात के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि वह कांग्रेस के साथ ही रहेंगे। इस मुलाकात का सिद्धू की तरफ से बाकायदा प्रेस नोट जारी किया गया, जबकि छह माह से वह अज्ञातवास में चल रहे थे। उन्‍होंने पार्टी व मीडिया दोनों से दूरी बना रखी थी। कैबिनेट में सिद्धू की खाली पद को मुख्यमंत्री भरना चाहते थे, लेकिन हाईकमान ने अभी तक इसकी इजाजत नहीं दी।

कांग्रेस के एक वरिष्‍ठ नेता के अनुसार- सिद्धू के मसले अब इस बार या उस पार वाला फैसला होगा

कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहन है कि मुद्दा यह नहीं कि कैबिनेट में पोस्ट खाली है और सिद्धू कैबिनेट में एडजस्ट होंगे। सवाल यह है कि उन्हें क्या जिम्मेदारी दी जाएगी? मुख्यमंत्री ने कभी भी उन्हें कैबिनेट में न रखने की बात नहीं की। सिद्धू स्थानीय निकाय विभाग ही मांगते रहे। स्थिति तो जस की तस ही है, लेकिन अब सिद्धू को लेकर तस्वीर जरूर स्पष्ट हो जाएगी। या तो इस पार या उस पार।

कैप्टन पर दबाव बनाना आसान नहीं

कांग्रेस हाईकमान में जिस प्रकार से उठा-पटक बनी हुई है उसे देखते हुए हाईकमान इतनी मजबूत स्थिति में नहीं है कि वह अपनी मर्जी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर थोप सके। लेकिन यह तय है कि आने वाले कुछेक दिनों में असमंजस के बादल साफ हो जाएंगे।

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जरनैल सिंह के ऑफर पर पंजाब आप प्रधान भगवंत मान बाेले- नवजोत सिद्धू नहीं हैैं का मुद्दा

दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के नवनियुक्‍त प्रभारी जरनैल सिंह द्वारा सिद्धू को पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिए जाने के बाद आप नेताओं की खींचतान भी सामने आ रही है। यहां मीडिया से बातचीत में आप के प्रदेश प्रधान सांसद भगवंत मान ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू यदि पार्टी में शामिल होते हैं तो वह उनका स्वागत करेंगे। इसके साथ ही उन्‍होंने यह भी कह कि सिद्धू और आप छोड़ चुके सुखपाल खैहरा या सुच्चा सिंह छोटेपुर मुद्दे नहीं हैं। बता दें कि  कि आप के नए पंजाब प्रभारी जरनैल सिंह ने शनिवार को कहा था कि सिद्धू को आप में शामिल होना चाहिए।

भगवंत मान ने कहा कि दिल्ली जीत के बाद लोगों में आप के प्रति विश्वास बढ़ा है। लोगों ने नफरत की राजनीति को नकार दिया है। मान ने भाजपा नेता गुरतेज सिंह पन्नू व उनके साथियों को पार्टी में शामिल करवाया। पन्नू भाजपा की टीम मोदी का हिस्सा हुआ करते थे और अनुराग ठाकुर के नजदीकी थे। मान ने दावा किया कि आने वाले दिनों में आप में और लोग भी शामिल होंगे। वह चाहते हैं कि पंजाब के भले के लिए ज्यादा से ज्यादा लोग पार्टी में शामिल हों।

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मान ने कहा कि सिद्धू, खैहरा, छोटेपुर पंजाब के मुद्दे नहीं हैं। बेरोजगारी, गिरता भूजल स्तर, प्रदूषण, बेरोजगारी, विदेश के प्रति युवाओं का बढ़ता रुझान जैसे मुद्दे पंजाब के लिए अहम हैैं। भगवंत मान ने बताया कि पार्टी के नए पंजाब प्रभारी जरनैल सिंह 5 मार्च को अमृतसर आएंगे।

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