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चंडीगढ़ में कोठी कब्जाकर बेचने के मामले में पुलिस की 11 जगह रेड, पत्रकार सहित दो हाे चुके हैं गिरफ्तार

चंडीगढ़ में कोठी कब्जाकर बेचने के मामले में पुलिस ने रात को हरियाणा व पंजाब के अलग-अलग 11 जगहों पर रेड की। वहीं सभी आरोपितों का मोबाइल फोन स्विच ऑफ है और लास्ट लोकेशन अलग-अलग जगह सामने आई है।

By Vinay kumarEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 07:38 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 09:09 AM (IST)
चंडीगढ़ में कोठी कब्जाकर बेचने के मामले में पुलिस की 11 जगह रेड, पत्रकार सहित दो हाे चुके हैं गिरफ्तार
चंडीगढ़ में कोठी कब्जाकर बेचने के मामले में पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तार के लिए 11 जगह रेड की।

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ में सेक्टर 37 में कोठी कब्जा कर फर्जी दस्तावेज बनवाकर बेचने, मालिक को बंधक बनाकर राजस्थान के भरतपुर स्थित एक आश्रम में रखने के मामले में पुलिस ने देर रात चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा के अलग-अलग 11 जगहों पर रेड की है। हालांकि पुलिस को अभी तक फरार चल रहे एक भी आरोपित तक नहीं पहुंच पाई है। वही सभी आरोपितों का मोबाइल फोन स्विच ऑफ और लास्ट लोकेशन अलग-अलग जगह सामने आई है। सेक्टर 31 थाना पुलिस ने लॉकअप में मामले में गिरफ्तार आरोपित संजीव महाजन और मनीष गुप्ता से देर रात पूछताछ भी की।

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इस दौरान आरोपितों ने पूछताछ में पुलिस का सहयोग कर सभी सवालों के जवाब दिए। बता दें कि अभी तक सामने आए कुल 10 आरोपितों में एक सुरजीत बाउंसर की मौत हो चुकी है। 15 मार्च 2020 की रात सेक्टर 36 स्थित छोटे चौक के समीप बाइक सवार 5 आरोपितों ने कार सवार सुरजीत को ताबड़तोड़ गोलियां मार दी थी। जिसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी।

ये है सभी आरोपित

गिरफ्तार आरोपित संजीव महाजन, मनीष गुप्ता के अलावा यूटी पुलिस के एक डीएसपी का भाई सतपाल डागर, शराब ठेकेदार अरविंद सिंगला, खलेंद्र सिंह कादियान, अशोक अरोड़ा, सौरभ गुप्ता, शेखर, दलजीत सिंह रुब्बल सहित स्वर्गीय बाउंसर सुरजीत सिंह को आरोपित बनाया हैं।

इन धाराओं में केस दर्ज

पुलिस ने मामले में आइपीसी की धारा 452, 331, 344, 365, 386, 419, 420, 465, 467,468, 471, 473, 474,477 और 120 बी के तहत मामला दर्ज किया है।

इनकी भूमिका जांच रही पुलिस

 वहीं, जांच अधिकारी डीएसपी दविंदर शर्मा ने मामले में व्यास चावला, प्रेम कृष्ण दास, अनीश भाई समेत अन्य लोगो की भूमिका जांच करने का दावा किया है।

यह है मामला

फर्जी दस्तावेज बनवाकर आरोपितों ने कोठी बेच दी

मकान मालिक राहुल मेहता ने पुलिस को बताया कि उसमें अभी तक अपना मकान किसी को नहीं बेचा है। यह पता चला कि संजीव महाजन, सौरव गुप्ता, खलिंदर सिंह, कादियान सिंगला, अशोक अरोड़ा, सतपाल डागर, सुरजीत सिंह, शेखर, मनीष गुप्ता और अन्य ने आपराधिक षड्यंत्र रचते हुए जाली दस्तावेजों के जरिए उसके जीपीए को कैंसिल करवाकर एक मार्च 2019 को उसके सेक्टर- 37ए स्थित मकान नंबर 340 की सेल्स डीड तैयार करा सौरभ गुप्ता के नाम पर करा दी। आरोपियों ने चंडीगढ़ स्टेट ऑफिस के सब रजिस्ट्रार के सामने उसकी फर्जी राहुल मेहता नाम का व्यक्ति खड़ा करा यह प्रॉपर्टी सौरव गुप्ता के नाम पर करा दी गई जबकि जिस 1 मार्च 2019 को यह हुआ उस वक्त मकान का असली मालिक राहुल मेहता अपना घर में भर्ती था जोकि काफी समय से चंडीगढ़ तक नहीं आया था। ऐसे में जीपीएस कैंसिल होने और सेल डीड के एग्जीक्यूट होने का सवाल नहीं उठता। एसएसपी ने मामले में एएसपी साउथ श्रुति अरोड़ा के नेतृत्व में सेकटर 31 थाना प्रभारी नरेंद पटियाल और इंस्पेक्टर ओम प्रकाश की एसआइटी बनाई है।

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