चालान भुगतने को लेकर हुए फर्जीवाड़े की जांच उलझी, पुलिस पर उठ रहे सवाल
सीटीयू कर्मचारी से जल्द चालान छुड़वाने को लेकर फर्जीवाड़ा करने वाले एजेंट के खिलाफ पुलिस को सीजीएम द्वारा शिकायत देने के बावजूद जांच आगे नही बढ़ी है।
चंडीगढ़, [कुलदीप शुक्ला]। सीटीयू कर्मचारी से जल्द चालान छुड़वाने को लेकर फर्जीवाड़ा करने वाले एक एजेंट के खिलाफ सेक्टर-36 थाना पुलिस को सीजीएम द्वारा शिकायत देने के बावजूद यूटी पुलिस की जांच एक कदम भी आगे नही बढ़ी। संबंधित थाना पुलिस मामले की जांच में एक महीने बाद भी उलझी हुई है। मामले में शिकायतकर्ता सीजीएम आकाशदीप महाजन ने थाना पुलिस को शिकायत में कोर्ट के अंदर चालान भुगतान में फर्जीवाड़ा होने की आशंका भी जताई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले महीने एक सीटीयू कर्मचारी का साइकिल ट्रैक पर चालान हो गया था। जिसके भुगतान को लेकर उसने एजेंट सूरज से जानकारी ली। सूरज ने उससे 100 रुपये की जगह 1500 रुपये लेकर जल्द चालान भुगतान कर लाइसेंस छुड़वाने की डील कर ली।
ट्रैफिक ब्रांच द्वारा चालान की कॉपी कोर्ट में भेजने की तय अवधि से पहले एजेंट सूरज ने बिना एंट्री चालान में जब्त दस्तावेज कोर्ट में मंगवा लिया। इसके लिए उसने सीटीयू कर्मचारी से 100 रूपये की जगह उसने 1500 रुपये चार्ज भी किया। जिसकी शिकायत सीटीयू के मैनेजर ने सीधा सीजीएम से कर दी। अपने लेवल पर जांच में सीजीएम ने आरोप सही मिलने के बाद सेक्टर-36 थाना पुलिस को केस दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश जारी किया। सीजीएम ने मामले में शिकायत भी दी।
चालान की ब्रांच में फर्जीवाड़ा कैसे?
इस खुलासे के बाद चंडीगढ़ पुलिस की चालान ब्रांच भी शक के घेरे में आ जाती है। आखिरकार आरोपित एजेंट सूरज ने बिना एंट्री तय अवधि से पहले चालान के दस्तावेज कोर्ट में कैसे मंगवा लिया? इसकी जांच भी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार एक कांस्टेबल भी थाना पुलिस के शक के घेरे में है।