पुलिस ने की नौ साल की बच्ची की पिटाई, सीमा विवाद में उलझा मामला, मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
पंचकूला में पुलिस ने एक नौ वर्षीय बच्ची की पिटाई कर दी। मामला पुलिस में पहुंचा तो पुलिस सीमा विवाद में उलझ गई। अब मानवाधिकार आयोग में पहुंच गया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंचकूला की राजीव कालोनी में एक नौ साल की बच्ची की पिटाई पर हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने कड़ा रूख अपनाते हुए पंचकूला के डीसीपी को इस मामले की जांच कर चार सप्ताह में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। हरियाणा मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस एसके मित्तल, सदस्य केसी पुरी व सदस्य दीप भाटिया पर आधारित बेंच ने एक समाचार पत्र में छपी खबर पर संज्ञान लेकर यह आदेश जारी किया।
प्रकाशित समाचार के अनुसार लॉकडाउन के दौरान पंचकूला की राजीव कालोनी में रहने वाली एक नौ साल की बच्ची को पुलिस ने बुरी तरह से डंडों से मारा। बच्ची बुरी तरह दर्द से तड़पती रही। पंचकूला पुलिस ने बाद में बच्ची को अस्पताल में भर्ती करवाया। बच्ची के परिजन जब इस मामले की पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने लगे तो पंचकूला पुलिस ने कहा कि मारपीट चंडीगढ़ पुलिस ने की है वही इस मामले की जांच करेगी।
पंचकूला पुलिस ने इस मामले की मेडिकल रिपोर्ट व अन्य दस्तावेज चंडीगढ़ पुलिस को दे दिए हैंं, लेकिन चंडीगढ़ पुलिस का कहना है कि मामला पंचकूला की राजीव कालोनी में हुआ है, लिहाजा पंचकूला पुलिस ही इस मामले की जांच करेगी। दोनो पुलिस के इस रवैये से बच्ची के परिजन परेशान है कि वो शिकायत किसकों और कहां करे।
मानवाधिकार आयोग ने अपने संज्ञान में कहा कि सीमा विवाद में एक बच्ची की निर्दयता से पिटाई को अनदेखा नहीं किया जा सकता। एक छोटी बच्ची के मानव अधिकारों का यह खुलेआम हनन है कि उसकी बेरहमी से पिटाई करके भी आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही। आयोग ने पंचकूला के डीसीपी को आदेश दिया कि वो 8 जुलाई से पहले इस मामले की जांच कर उसकी रिपोर्ट आयोग के सामने पेश करे।
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