मन की बात : प्रधानमंत्री मोदी ने मिल्खा सिंह के जज्बे को किया सलाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के दौरान उड़न सिख मिल्खा सिंह को याद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में टोक्यो ओलंपिक का जिक्र करते हुए कहा कि जब हम ओलंपिक की बात कर रहे हों तो भला मिल्खा सिंह को कैसे भूल सकते हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के दौरान उड़न सिख मिल्खा सिंह को याद किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में टोक्यो ओलंपिक का जिक्र करते हुए कहा कि जब हम ओलंपिक की बात कर रहे हों तो भला मिल्खा सिंह को कैसे भूल सकते हैं। कुछ दिन पहले ही कोरोना ने उन्हें हमसे छीन लिया। मिल्खा सिंह को कौन भूल सकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस समय मिल्खा सिंह पीजीआइ चंडीगढ़ में कोरोना संक्रमण के कारण इलाज करा रहे थे, तब मुझे उनसे बात करने का मौका मिला। तब मैंने उनसे आग्रह किया था कि आपने तो टोक्यो ओलंपिक-1964 में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, इसलिए इस बार हमारे जो खिलाड़ी ओलंपिक खेलने जा रहे हैं आपको उनका मनोबल बढ़ाना है। प्रधानमंत्री बताते हैं कि मिल्खा सिंह भारत का गौरव थे। वह खेल को लेकर इतना समर्पित और भावुक थे कि बीमारी में भी उन्होंने तुरंत ही इसके लिए हामी भर दी। लेकिन, दुर्भाग्य से नियति को कुछ और मंजूर था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे आज भी याद है जब वर्ष 2014 में मिल्खा सिंह सूरत पहुंचे थे। हम लोगों ने एक मैराथन का उद्घाटन किया था। उस समय उनके साथ खेलों के बारे में जो बात हुई, उससे मुझे भी बहुत प्रेरणा मिली। हम सब जानते हैं कि मिल्खा सिंह का पूरा परिवार खेल के प्रति समर्पित रहा है और भारत का गौरव बढ़ाता रहा है।
गौरतलब है कि उड़न सिख पद्मश्री मिल्खा सिंह का हाल ही में 18 जून को पीजीआइ में पोस्ट कोविड -19 प्रभावों के चलते निधन हुआ था। वहीं उनके देहांत से पांच दिन पहले 13 जून को उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का भी कोरोना के कारण मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हुआ था। निर्मल मिल्खा सिंह भी पूर्व नेशनल वॉलीबॉल खिलाड़ी थीं। पद्मश्री मिल्खा सिंह के बेटे पद्मश्री जीव मिल्खा सिंह इंटरनेशनल प्रोफेशनल गोल्फर हैं।