चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर पिक एंड ड्राप के लिए देने पड़ रहे 200 रुपये, छह मिनट की छूट सिर्फ हवाहवाई
चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा के नाम पर शुरू की गई पिक एंड ड्राप सर्विस लूट का जरिया बन गई है। यहां हर वाहन चालक को पेनल्टी देनी पड़ रही है। हालांकि 6 मिनट तक पिक एंड ड्राप सर्विस फ्री लेकिन समय ज्यादा लग रहा है।
विकास शर्मा, चंडीगढ़। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा के नाम पर शुरू की गई पिक एंड ड्राप सर्विस लूट का जरिया बन गई है। कहने को रेलवे की तरफ से पिक एंड ड्राप करने वाले नान कमर्शियल वाहनों से 0-6 मिनट तक कोई भी शुल्क नहीं लिया जा रहा है, लेकिन व्यवस्था ऐसी बनाई गई है कि कोई भी वाहन चालक बिना पनेल्टी दिए रेलवे स्टेशन से बाहर नहीं जा पा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग रेलवे स्टेशन पर शुरू की गई इस व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं।
बता दें कि इससे पहले रेलवे स्टेशन परिसर में अगर 30 मिनट गाड़ी खड़ी करने पर एक हजार रुपये जुर्माना वसूला जा रहा था, लेकिन कई हस्तियों के विरोध के बाद रेलवे ने अपना फैसला बदला और जुर्माना राशि एक हजार से 200 रुपये तय की है। बावजूद अभी भी लोगों को इस व्यवस्था के परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
खासकर शताब्दी जैसी ट्रेनों की आवाजाही के समय आने-जाने वाले वाहन चालकों को 200 रुपये पनेल्टी देनी ही पड़ रही है। दिक्कत यह है कि इस समय गाड़ियों की संख्या काफी बढ़ जाती है, जिस वजह से जाम लग जाता है। ऐसे में लोगों को स्टेशन परिसर से बाहर निकलने में ही 20 से 25 मिनट लग रहे हैं। लोगों की शिकायत है कि स्टेशन से बाहर जाने वाले रास्ते पर वाहनों की इतनी ज्यादा भीड़ है कि आप छह मिनट में किसी भी सूरत में स्टेशन परिसर से बाहर नहीं निकल सकते हो। इस वजह से वाहन चालकों से 50 से 200 रुपये की पनेल्टी वसूली जा रही है।
बिना पूछे काट दी 200 रुपये की पर्ची
मोहाली के खरड़ के रहने वाले युवराज सिंह ने बताया कि वह अपने पिता को शताब्दी में चढ़ाने के लिए आया था। पिता के पास कोई सामान नहीं था, इसलिए मुझे बड़ी मुश्किल से उन्हें रेलवे स्टेशन पर छोड़ने के लिए चार से पांच मिनट लगे, लेकिन स्टेशन परिसर से बाहर निकलने वाले रास्ते पर इतना ज्यादा वाहन थे कि इस 50 मीटर रास्ते को पार करने में 15 से 20 मिनट लग गए। इसके एवज में इन्होंने 200 रुपये की पर्ची काट दी। मैंने जब इसका विरोध किया, तो चार से पांच कर्मचारी ने मेरी गाड़ी को घेर लिया। मजबूरन मुझे पनेल्टी की पर्ची कटवानी पड़ी।
पिक एंड ड्राप का समय बढ़ना चाहिए
टैक्सी चालक अंकूर का कहना है कि वह शिमला से चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर सवारी छोड़ने आया था। मुझे पिक एंड ड्राप के नए चार्जेज के बारे में जानकारी नहीं थी, बावजूद इसके मेरे से 200 रुपये की पनेल्टी वसूल ली। इससे पहले स्टेशन परिसर के बाहरी रास्ते पर कभी ट्रैफिक जाम नहीं होता था, लेकिन ट्रैफिक ठेकेदारों की तरफ से बूथ लगाकर रास्तों को छोटा कर दिया गया है। जिस वजह से जाम लग रहा है और यह पनेल्टी वसूली जा रही है। पिक एंड ड्राप का समय में बढ़ाना चाहिए।
रेलवे स्टेशन पर लोगों से हो रही लूट
चंडीगढ़ के दिलावर का कहना है कि मैं एडवोकेट हूं, हैरान हूं कि सरकार ऐसी खूली लूट की छूट कैसे दे सकती है। मैंने तीन से चार मिनट में अपने रिश्तेदार को रेलवे स्टेशन पर ड्राप किया था, लेकिन स्टेशन परिसर के बाहर इतना लंबा जाम लगा हुआ था कि मुझे बाहर निकलने में 20 मिनट लग गए। मैंने जाम की फोटो पहले ही खींच ली थी, जैसे ही इन लोगों ने मेरी 200 रुपये की पर्ची कटाने की बात कही, तो मैंने उन्हें लाइन में लगने से लेकर बूथ तक पहुंचने का समय बता दिया। इसके बाद मेरी 50 रुपये की पर्ची काटी गई। बिना वजह दिए गए यह 50 रुपये भी मुझे चुभ रहे हैं।
जाम की वजह से लगता है ज्यादा टाइम
मोहाली के हरमनजीत सिंह का कहना है कि मुझे इसकी जानकारी नहीं थी कि रेलवे स्टेशन से निकलने वाले रास्ते पर इतना जाम होगा। मुझसे 200 रुपये पनेल्टी ली गई। मैंने जब इसकी शिकायत करने की बात कही तो यह कर्मचारी मुझे बोर्ड दिखाकर कानून का पाठ पढ़ाने लगे। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इस पिक एंड ड्राप सर्विस को शुरू करने से जनता को क्या फायदा हुआ। ऐसी योजनाएं शुरू करने से क्या फायदा, जिनका सिर्फ बोझ ही जनता पर पड़े।