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PGI चंडीगढ़ की डॉ. कुसुम शर्मा को मिली FAMS फेलोशिप, तेलंगाना के राज्यपाल ने किया सम्मानित

डॉ. कुसुम बीते कई सालों से टीबी के मॉलीक्यूलर डायग्नोसिस के क्षेत्र में काम कर रही हैं। विशेष रूप से ट्यूबरकुलर मेनिन्जाइटिस (ब्रेन टीबी) और ओकुलर ट्यूबरकुलोसिस में उनका अहम योगदान है। वह ट्यूबरकुलस मेनिनजाइटिस इंटरनेशनल रिसर्च कंसोर्टियम का हिस्सा हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sun, 28 Nov 2021 03:32 PM (IST)Updated: Sun, 28 Nov 2021 03:32 PM (IST)
PGI चंडीगढ़ की डॉ. कुसुम शर्मा को मिली FAMS फेलोशिप, तेलंगाना के राज्यपाल ने किया सम्मानित
पीजीआइ चंडीगढ़ मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. कुसुम शर्मा।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पीजीआइ चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) के मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. कुसुम शर्मा को नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (एफएएमएस) की फेलोशिप से सम्मानित किया गया। उन्हें 26 से 28 नवंबर तक बीएचयू वाराणसी में आयोजित किए जा रहे राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी के वार्षिक सम्मेलन के दौरान सम्मानित किया गया। प्रो. कुसुम शर्मा को देश में माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए यह सम्मान मिला है। इस कार्यक्रम में तेलंगाना के राज्यपाल डॉ तमिलिसाई सौंदरराजन मुख्य अतिथि थे और केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव करद सम्मानित अतिथि थे।

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डॉ. कुसुम बीते कई सालों से टीबी के मॉलीक्यूलर डायग्नोसिस के क्षेत्र में काम कर रही हैं। विशेष रूप से ट्यूबरकुलर मेनिन्जाइटिस (ब्रेन टीबी) और ओकुलर ट्यूबरकुलोसिस में उनका अहम योगदान है। वह ट्यूबरकुलस मेनिनजाइटिस इंटरनेशनल रिसर्च कंसोर्टियम का हिस्सा हैं। वह ट्यूबरकुलर यूवाइटिस के प्रबंधन पर सहयोगात्मक ओकुलर ट्यूबरकुलोसिस स्टडी सर्वसम्मति दिशानिर्देश समूह का भी हिस्सा थीं, जिसने पूर्वकाल यूवाइटिस, इंटरमीडिएट यूवाइटिस, पैनुवेइटिस और रेटिनल वास्कुलिटिस में एंटीट्यूबरकुलर थेरेपी शुरू करने के लिए दिशानिर्देश विकसित किए। वह ट्यूबरकुलर यूवाइटिस के निदान और उपचार में सुधार के लिए एक साथ काम करने वाली अंतर्राष्ट्रीय यूवाइटिस सोसायटी की सदस्य भी हैं।

दिल्ली डब्ल्यूएचओ सहयोग केंद्र (डब्ल्यूएचओ-सीसी) टीबी में प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र के लिए अतिरिक्त-फुफ्फुसीय तपेदिक, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार। डॉ कुसुम ने टीबी के निदान के लिए एक नया पीसीआर विकसित किया था जिसे 2020 में पेटेंट प्रदान किया गया था।  उन्होंने 180 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए और 2018 में अटलांटा, यूएसए में आयोजित अमेरिकन सोसाइटी ऑफ माइक्रोबायोलॉजी की बैठक में उत्कृष्ट अमूर्त पुरस्कार सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय अनुसंधान पुरस्कार जीते हैं। उन्हें 2017 में रॉयल कॉलेज ऑफ फिजिशियन (लंदन) की फेलोशिप से सम्मानित किया गया था।


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