क्यू मैनेजमेंट सिस्टम को मिलेगी रफ्तार, PGI ने खरीदे 522 कंप्यूटर Chandigarh News
पीजीआइ के स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी की बैठक में क्यू मैनेजमेंट सिस्टम को हरी झंडी मिल चुकी है। उस योजना को रफ्तार देते हुए पीजीआइ प्रशासन ने 522 कंप्यूटर खरीदे हैं।
By Edited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 11:32 PM (IST)Updated: Sun, 18 Aug 2019 10:46 AM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पीजीआइ में डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत 522 कंप्यूटर की खरीद की जा चुकी है। ये कंप्यूटर पेशेंट क्यू मैनेजमेंट सिस्टम के अंतर्गत पीजीआइ की ओपीडी के साथ अन्य संबंधित स्थानों पर लगाए जाएंगे। इस तकनीक की मदद से हर दिन आने वाले हजारों मरीजों को कार्ड बनवाने से लेकर फीस जमा करने के लिए घंटों कतार में नहीं लगना पड़ेगा। पीजीआइ के स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी की बैठक में क्यू मैनेजमेंट सिस्टम को हरी झंडी मिल चुकी है। उस योजना को रफ्तार देते हुए पीजीआइ प्रशासन ने 522 कंप्यूटर खरीदे हैं। जिन्हें लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। उम्मीद है कि पांच से छह महीने के अंदर मरीजों को इस सुविधा का लाभ मिलने लगेगा।
कार्ड बनवाने और फीस जमा करने की किचकिच होगी दूर
पीजीआइ में हर दिन लगभग आठ से 10 हजार मरीज इलाज कराने आ रहे है। इनमें हरियाणा, हिमाचल, पंजाब और जम्मू से लोग आते हैं। इन मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी कार्ड बनवाने में होती है। कार्ड बनवाने के लिए मरीजों का लाइन सुबह 4 बजे से लगनी शुरू हो जाती है, उसके बावजूद लंबी कतार कम होने का नाम नहीं लेती। ऐसे में इस सिस्टम से मरीजों को शीघ्र कार्ड बनवाने का लाभ मिलेगा। पीजीआइ में क्यू मैनजमेंट के साथ ही टोकन सिस्टम को भी अप्रूवल मिल चुका है। यह सुविधा शुरू होने से मरीजों को घंटों लाइन में लगकर इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह सिस्टम शुरू होने से ट्रांसपेरेंसी आएगी। हर विभाग में डिस्पले मशीन लगाई जाएगी। इसमें मरीज का टोकन का नंबर आएगा कि उसका नंबर कितनी देर तक आएगा।
पिछले 5 साल में बढ़ी 33 प्रतिशत ओपीडी
साल मरीजों की संख्या
2012 1854163
2013 1936918
2014 2112129
2015 2260301
2016 2418876
2017 2684508
2018 2869150
बीते पांच साल में ट्रॉमा सेंटर में बढ़े 50 फीसदी मरीज
साल मरीजों की संख्या
2011 33336
2012 35381
2013 37103
2014 39126
2015 40580
2016 44579
2017 48754
2018 48303
क्यू मैनेजमेंट सिस्टम के लिए डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत 522 कंप्यूटर की खरीद की जा चुकी है। उम्मीद है पांच से छह महीने के अंदर मरीजों को इस सुविधा का लाभ मिलने लगेगा। प्रो. जगतराम, पीजीआइ डायरेक्टर।
कार्ड बनवाने और फीस जमा करने की किचकिच होगी दूर
पीजीआइ में हर दिन लगभग आठ से 10 हजार मरीज इलाज कराने आ रहे है। इनमें हरियाणा, हिमाचल, पंजाब और जम्मू से लोग आते हैं। इन मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी कार्ड बनवाने में होती है। कार्ड बनवाने के लिए मरीजों का लाइन सुबह 4 बजे से लगनी शुरू हो जाती है, उसके बावजूद लंबी कतार कम होने का नाम नहीं लेती। ऐसे में इस सिस्टम से मरीजों को शीघ्र कार्ड बनवाने का लाभ मिलेगा। पीजीआइ में क्यू मैनजमेंट के साथ ही टोकन सिस्टम को भी अप्रूवल मिल चुका है। यह सुविधा शुरू होने से मरीजों को घंटों लाइन में लगकर इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह सिस्टम शुरू होने से ट्रांसपेरेंसी आएगी। हर विभाग में डिस्पले मशीन लगाई जाएगी। इसमें मरीज का टोकन का नंबर आएगा कि उसका नंबर कितनी देर तक आएगा।
पिछले 5 साल में बढ़ी 33 प्रतिशत ओपीडी
साल मरीजों की संख्या
2012 1854163
2013 1936918
2014 2112129
2015 2260301
2016 2418876
2017 2684508
2018 2869150
बीते पांच साल में ट्रॉमा सेंटर में बढ़े 50 फीसदी मरीज
साल मरीजों की संख्या
2011 33336
2012 35381
2013 37103
2014 39126
2015 40580
2016 44579
2017 48754
2018 48303
क्यू मैनेजमेंट सिस्टम के लिए डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत 522 कंप्यूटर की खरीद की जा चुकी है। उम्मीद है पांच से छह महीने के अंदर मरीजों को इस सुविधा का लाभ मिलने लगेगा। प्रो. जगतराम, पीजीआइ डायरेक्टर।
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