हरित क्रांति के पुरोधा कीट वैज्ञानिक डॉ. गुरचरण सिंह कालकट का निधन
प्रसिद्ध कीट वैज्ञानिक डॉ. गुरचरण सिंह कालकट का शनिवार को चंडीगढ़ पीजीआइ में निधन हो गया। न्हें पंजाब में हरित क्रांति का पुरोधा कहा जाता है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरित क्रांति को पंजाब में अपनी मेहनत से सींचने वाले डॉ. गुरचरण सिंह कालकट नहीं रहे। उनका शनिवार तड़के पीजीआइ चंडीगढ़ में निधन हो गया। वे 92 साल के थे। वह प्रसिद्ध कीट वैज्ञानिक थे। उन्हें पंजाब में हरित क्रांति का पुरोधा कहा जाता है। डॉ. कालकट जकं पंजाब एग्री यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे हैं। वहीं, पंजाब खेतीबाड़ी विभाग के डायरेक्टर और भारत सरकार के खेतीबाड़ी विभाग कमिश्नर, विश्व बैंक के सलाहकार रहे हैं।
2005 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब पंजाब फार्मर कमीशन का गठन किया, तो सबसे पहले डॉ. कालकट को इसका चेयरमैन बनाया गया। वह 12 साल तक इस पद पर रहे। डॉ. कालकट ने छोटे किसानों की आजीविका को बढ़ाने के लिए काफी काम किया। यही नही मशीनरी का बोझ किसानों के कंधों से कम करने के लिए कोऑपरेटिव सोसायटी के माध्यम से मशीनरी उपलब्ध कराने के लिए काम किया।
उन्होंने बैंकों को ट्रैक्टरों पर लोन कम देने को कम करने भी कहा। उनका मानना था कि पंजाब में सिर्फ 1 लाख ट्रैक्टर की जरूरत है, लेकिन 4.5 लाख ट्रैक्टर हैं। वह यह भी कहा करते थे कि किसानों को कोऑपरेटिव के माध्यम से काम करना चाहिए। वह किसानों की आत्महत्या से काफी दुखी रहा करते थे।
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