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चंडीगढ़ की कालोनी नंबर-4 से मलोया शिफ्ट हुए लोगों के बनेंगे नए वोटर कार्ड, लगाया जाएगा स्पेशल कैंप

चंडीगढ़ की कालोनी नंबर-4 से मलोया शिफ्ट किए गए लोगों के नए वोटर कार्ड बनाए जाएंगे। मलोया हाउसिंग कांप्लेक्श में शिफ्ट किए गए लोगों का पता बदल गया है। इस वजह से नए वोटर कार्ड बनाए जाएंगे ।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 01:38 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 01:38 PM (IST)
चंडीगढ़ की कालोनी नंबर-4 से मलोया शिफ्ट हुए लोगों के बनेंगे नए वोटर कार्ड, लगाया जाएगा स्पेशल कैंप
नए वोटर कार्ड बनाने के लिए स्पेशल कैंप लगाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। कुछ दिन पहले चंडीगढ़ की कालोनी नंबर-4 में बने अवैध मकानों को ढहाया गया था। इन मकानों से लोगों को मलोया स्थित हाउसिंग कांप्लेक्स में शिफ्ट किया गया है। ऐसे में इन लोगों के नए सिरे से वोटर आइडी कार्ड बनेंगे। जिन लोगों का अब तक कालोनी नंबर-4 के एड्रेस पर वोटर आइडी कार्ड बना था, अब उन लोगों को मलोया हाउसिंग कांप्लेक्स में शिफ्ट कर दिया गया है। ऐसे में इलेक्शन डिपार्टमेंट की ओर से एसडीएम साउथ के नेतृत्व में विशेष कैंप लगाया जाएगा। ताकि इन लोगों के वोटर आइडी कार्ड में पता, उम्र या अन्य कोई खामी हो तो उसे ठीक कर नया वोटर आइडी कार्ड बनाया जा सके।

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वहीं, कालोनी नंबर चार के मकानों को तोड़ने के बाद मलबा हटाने की योजना बनाई जा रही है। नगर निगम के अनुसार कालोनी नंबर चार में लगभग 50 हजार मीट्रिक टन मलबा पड़ा है। इसे उठवाने में लगभग 91 लाख रुपये खर्च आएगा। मलबा उठाने की जिम्मेदारी भी उसकी होती है जिस विभाग की जमीन है। इसलिए निगम ने वन विभाग को पत्र लिखकर मलबा उठाने के संबंध में पूछा है। वन विभाग निगम को मलबा उठाने के लिए कहेगा तो निगम संबंधित विभाग से फंड लेकर टेंडर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर देगा।

वहीं मुख्य वन संरक्षक देवेंद्र दलाई का कहना है कि फंड देने में कोई समस्या नहीं, बस मानसून से पहले जमीन खाली करानी होगी। इस पर पौधे रोपने की योजना है। ठोस कचरा प्रबंधन के नियमानुसार किसी भी भूमि पर मलबा नहीं होना चाहिए। हाल ही में तोड़ी गई कालोनी नंबर चार में ज्यादा मलबा है। इसमें बड़ी संख्या में कर्मचारी और गाड़ियां लगानी होंगी, जो निगम के लिए संभव नहीं होगा। इसलिए मलबा उठाने का काम ठेके पर दिया जाएगा। वन विभाग चाहता था कि निगम इस मलबे को उठाए, इसलिए निगम ने एक अनुमान लगाकर मलबा उठाने में आने वाले खर्च का आकलन कर वन विभाग को भेज दिया है। वहीं निगम ने मलबे के निस्तारण के लिए होने वाली टेंडर प्रक्रिया की भी पूरी तैयारी कर ली है, बस वन विभाग की सहमति का इंतजार है।


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