मास्क ही वैक्सीन है कैंपेन : GMCH-32 के बाहर 36 फीट लंबे मास्क पर लोगों ने किए हस्ताक्षर
अस्पताल और परिवर्तन एनजीओ द्वारा 36 फीट लंबे मास्क को हॉस्पिटल के कॉरिडोर में लगाया गया। वहां से गुजर रहे लोगों ने इस पर सिग्नेचर किए। इसका मकसद रहा करोना को भगाने के लिए सभी को जागरूक करना है ताकि कोई भी बिना मास्क के न घूमे।
चंडीगढ़, जेएनएन। जीएमएसएच-32 के बाहर लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करने को लेकर हस्ताक्षर मुहिम की शुरुआत की गई। अस्पताल और परिवर्तन एनजीओ द्वारा 36 फीट लंबे मास्क को हॉस्पिटल के कॉरिडोर में लगाया गया, जहां लोगों ने इस पर हस्ताक्षर किए। कैंपेन की शुरुआत हॉस्पिटल के मैडिकल सुप्रिटटेंडेंंट रवि गुप्ता ने की। उन्होंने कहा कि लोगों के पास इस समय कोरोना से लड़ने का एक ही हथियार है और वो है सही तरीके से पहना हुआ मास्क। परिवर्तन की फाउंडर प्रेसिडेंट रेनुका ने बताया कि उनके नजदीकी रिश्तेदार का पूरा परिवार मुंबई में करोना से संक्रमित हुआ था, तब मुझे लगा कि हमें भी कुछ करना चाहिए।
परिवर्तन की टीम में वंदना शर्मा, पंकज बाला, सतविंदर कौर,उषा शर्मा, सोनिका वर्मा और उषा यादव शामिल है। रेनुका ने कहा कि हम सभी मे मिलकर ठाना था कि बड़े मास्क के साथ हस्ताक्षर मुहिम चलाएंगे ताकि लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरुक कर सकें। हमारी कोशिश देश का सबसे बड़ा मास्क बनाने की थी। इसका मकसद रहा करोना को भगाने के लिए सभी को जागरूक करना है, ताकि कोई भी बिना मास्क के न घूमे।
रेनुका ने कहा कि दरअसल कुछ दिन पहले पंचकूला अस्पताल में कुछ मास्क व सेनेटरी नेपकिन दान करने गए तो वहां से पता चला कि अभी वैक्सीन की उम्मीद अगले साल ही है, तब तक मास्क ही वेक्सीन है। इसके बाद लोगों को जागरूक करने के लिए हम सब मास्क बनाने में जुट गए। इस मास्क को बनाने में 15 दिन का समय लगा। रेनुका ने कहा कि मास्क तैयार करने में घर के सदस्यों, एनजीओ की टीम व सिलाई करने वाली हमारी घरेलू कामवाली की मदद ली गई।
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