जमीन अधिग्रहण मामले में प्रशासन के खिलाफ ग्रामीण भूख हड़ताल पर बैठने को तैयार
बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अगर प्रशासन ने जल्द अपनी नीति में बदलाव नहीं किया तो गांव वालें भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
चंडीगढ़, जेएनएन। जमींदारों की जमीन कम रेट पर अधिग्रहण करने के खिलाफ सारंगपुर में भी ग्रामीण प्रतिनिधियों ने बैठक की। जिसमे शहर के गांवों प्रतिनिधियों ने प्रशासन के खिलाफ रोष जाहिर किया। बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि अगर प्रशासन ने जल्द अपनी नीति में बदलाव नहीं किया तो गांव वालें भूख हड़ताल पर बैठेंगे। अब अगली बैठक 15 जून को बुलाई गई है। इस मौके पर गांव वालों ने नगर निगम की ओर से थोपे गए प्रापर्टी टैक्स पर भी रोष जाहिर किया।
धनास गांव के पूर्व सरपंच कुलजीत सिंह का कहना है कि 19 मई को भूमि अधिग्रहण अधिकारी की ओर से धनास और डड्डूमाजरा की 18 एकड़ जमीन के लिए जो अवार्ड रेट घोषित किया गया है वह काफी कम है। यह जमींदारों के साथ धक्का है। कुलजीत सिंह का कहना है कि जो गांव के बाहर की जमीन है उसको ग्रामीण एरिया में शामिल किया गया है जबकि गांव के अंदर की जमीन को नगर निगम में शामिल है। नगर निगम में एरिया शामिल होने से शहरीकरण हो गया है लेकिन प्रशासन ने ऐसा नहीं कर रहा है वह बाहर की जमीन को ग्रामीण एरिया में शामिल कर रहा है। जिससे जमीन के रेट कम तय करके जमींदारों के साथ धोखा हुआ है।कुलजीत ने बताया कि जो धनास की जमीन प्रशासन की ओर से अधिग्रहण करने के लिए रेट तय किया है वह प्रति एकड़ जमीन का रेट 5.25 करोड़ का है जबकि डड्डूमाजरा के जमीन का प्रति एकड़ का अवार्ड 3.22 करोड़ रुपये का तय किया है।जबकि उनकी जमीन का अवार्ड शहर की जमीन के हिसाब से होना चाहिए।