बुनियादी सहुलियतों को तरसे जीरकपुर वार्ड नंबर-2 के लोग, पार्षद पर लगाए काम न करवाने के आरोप
जीरकपुर वार्ड नबंर दो के लोगों ने पूर्व पार्षद पर काम न करवाने के आरोप लगाए हैं। लोगों ने कहा कि वार्ड में समस्याओं का अबांर लगा हुआ है। बावजूद इसके कोई इन समस्याओं के समाधान के लिए आगे नहीं आता।
जीरकपुर, जेएनएन। जीरकपुर में नई वार्डबंदी को लेकर शुरू किए अभियान के दौरान वार्ड नंबर -2 का दौरा किया गया। इस वार्ड में भी अकाली पार्षद रह चुकी विजय लक्ष्मी पर वार्ड वासियों ने विकास कार्य न होने पर आरोप लगाए हैं।
लोगों का आरोप है कि वोट लेने के लिए पार्षद ने जो उनसे वादे किए थे वह पांच साल में पूरे नहीं हो पाए। इस वार्ड के लोग बुनियादी सहुलियत के लिए आज भी मोहताज है, उनका कहना है कि राजनीतिक नेता झूठे वादे करके लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करते हैं और सत्ता हाथ में आते ही उनकी समस्याओं को भूल जाते हैं।
वार्ड नंबर -2 जो पहले था वार्ड नंबर-1
जीरकपुर की नई वार्डबंदी के तहत वार्ड नंबर-2 में भी कुछ एरिया जोड़कर इसका क्षेत्रफल बढ़ाया गया है। पहले ये जीरकपुर का वार्ड नंबर-1 था। इस वार्ड में हरमिलाप नगर फेज-1, हरमिलाप नगर फेज-2 , सैनी विहार फेज-3 का हिस्सा जोड़ा गया है। हालांकि वार्ड नंबर -1 होते हुए इसमें न के बराबर काम हुए। लोगों ने कहा कि आने वाले चुनावों में उनकी समस्याएं हल होंगी या नहीं इसका फैसला अब सोच समझकर किया जाएगा। वार्ड नंबर -2 में करीब 6 हजार 500 वोटर हैं। यह जनसंख्या वार्ड में नए शामिल किए एरिया को जोडक़र निश्चित की गई है। वार्ड नंबर -2 में रेलवे लाइन नगर कॉउंसिल की उत्तरी हद से शुरू होकर हरमिलाप नगर फेज-1, वाटर वर्कस रोड, सैनी विहार फेज-3, कृष्णा करियाना स्टोर गली के साथ चलते हुए पीर बाबा रोड से पांडे स्टूडियो से हरमिलाप नगर फेज-2 रोड तक रेलवे लाइन पार करके वापिस नगर कॉउंसिल की उत्तरी हद तक का एरिया शामिल है।
पूर्व पार्षद बोली- मैने जरूरी काम करवाए
अकाली दल से पूर्व पार्षद रह चुकीं विजय लक्ष्मी ने कहा कि मैंने अकाली दल से महिला सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन मेरा कार्यकाल फरवरी में खत्म हो गया था। अब मुझे आगे चुनाव नहीं लड़ना। मेरे वार्ड में जो जरूरी कार्य थे उन्हें मैंने करवाया है।
ये हैं वार्ड की मुख्य समस्याएं, पार्षद ने नहीं करवाए टैंडर वाले काम
वार्ड निवसी संयज सिंह राजू का कहना है कि पूर्व पार्षद विजय लक्ष्मी से टैंडर वाले काम नहीं हो पाए। पार्षद के अंडर जितने कार्य होते हैं वह नहीं हो पाए। स्ट्रीट लाइटों तक का काम हम खुद करवा रहे हैं जबकि यह काम पार्षद का बनता है। अगर लोगों को खुद ही अपने काम करवाने है तो पार्षद की जरूरत ही क्या है। गलियों में कई-कई फीट गड्ढे पड़े हैं उन्हें भरा नहीं गया, सड़क का निर्माण नहीं हो पाया। बहुत सी ऐसी समस्याएं है जिसका यहां रहने वाले लोग हर रोज सामना करते हैं।
बरसों से नहीं बदले पैवर ब्लॉक
हरमिलाप नगर निवासी बसंत सिंह का आरोप है कि वार्ड नंबर-2 में करीब 10 साल पहले लगाए गए पैवर ब्लॉक को आज तक बदला नहीं गया। जगह -जगह से पैवर ब्लॉक टूटे पड़े हैं जिस पर चलने वाले वाहनों को रोजाना नुकसान पहुंच रहा है। नए पैवर तो दूर गलियों की मरम्मत तक नहीं करवाई गई। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं जिस कारण बीमारी फैलने का डर रहता है। साफ-सफाई भी लोगों को खुद करवानी पड़ रही है। लोग जिल्लत भरी जिंदगी जीने को मजबूर हैं।
गलियों का नहीं लैवल, बरसात में होती है परेशानी
सैनी विहार फेज-3 निवासी अमित कुमार का कहना है कि वार्ड नंबर-2 में गलियों का कोई लेवल नहीं है। लेवल सही नहीं होने से बरसाती पानी की निकासी सही तरीके से नहीं हो पाती। इस कारण बारिश का पानी दुकानों में घुसकर नुकसान पहुंचा रहा है। ड्रेनेज सिस्टम न होने की वजह से यहां कई -कई दिनों तक बरसाती पानी गलियों में खड़ा रहता है, जिससे मक्खी मच्छर पैदा हो रहे हैं। यहां डेंगू के लारवा तक मिले हैं लेकिन उसके बावजूद प्रशासन द्वारा यहां किसी तरह का कोई छिडक़ाव तक नहीं करवाया गया।
चोरी की वारदातें ज्यादा
मेन मार्केट हरमिलाप नगर के दुकानदार अनिल कुमार का कहना है कि वार्ड नंबर-2 में चोरी की वारदातें भी काफी हैं। नशेड़ी लोग घरों के बाहर का सामान उठाकर ले जाते हैं और कई बार दुकानों का ताले तक टूटें हैं। पुलिस को कितनी बार एरिया में गश्त बढ़ाने की बात कही है लेकिन इस समस्या का कोई हल नहीं निकला। लोगों को खुद ही अपने सामान की देखभाल करनी पड़ती है, अगर रात के समय पुलिस की गश्त बढ़ जाए तो एरिया में चोरी की वारदातों पर कुछ हद तक बंद हो जाएगी। प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
सार्वजनिक शौचालय नहीं
दुकानदार परिमल का कहना है कि वार्ड नंबर - 1 (पहले वार्ड नंबर-31) में जन सुविधा की बहुत बड़ी कमी है। सार्वजनिक शौचालय न होने की वजह से महिलाओं को बहुत परेशानी होती है। इस समस्या का समाधान पहल के आधार पर होना चाहिए। दुकानदारों को बड़े रेस्टोरेंट व दुकानों में शौचालय के लिए जाना पड़ता है। जब आम जनता को इसके लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ती है।