कश्मीर के लोगों को नहीं खाली करने होंगे मकान, यथास्थिति के आदेश
मकान खाली करने के प्रशासन के आदेश पर यथास्थिति के आदेश जारी किए हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने सेक्टर-29 में रहने वाले जम्मू-कश्मीर निवासियों को उनके मकान खाली करने के प्रशासन के आदेश पर यथास्थिति के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन, केंद्र सरकार व जम्मू-कश्मीर सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इस मामले में इन प्रभावित लोगों ने अपने वकील सविता सिसोदिया के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर प्रशासन के आदेश पर रोक लगाने की मांग की। सविता ने हाई कोर्ट को बताया कि प्रभावित लोग लगभग तीन दशक से चंडीगढ़ में निवास कर रहे हैं। काम की तलाश में जम्मू-कश्मीर से आने वाले लोगों के लिए 1969 में बापूधाम में लेबर कॉलोनी बनाकर वहां से आने वाले लोगों को आवास दिया गया था। फिर चंडीगढ़ प्रशासन ने सेक्टर-29 में 60 क्वार्टर बनाकर जम्मू-कश्मीर सरकार को सौंप दिए जिसके बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बापूधाम से जम्मू-कश्मीर के लोगों को इन क्वार्टर में शिफ्ट कर दिया। याचिका के अनुसार इन लोगों ने अपने पैसे से इन क्वार्टर में अपनी पानी-बिजली व अन्य सुविधाएं ली। तीन दशक से अधिक समय इनके परिवार भी बढ़ गए हैं लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने 1987 में इन लोगों को मकान खाली करने के आदेश जारी कर दिए थे। लोगों ने आदेशों को दी थी चुनौती
उस समय इन लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इसे चुनौती दी थी। उस समय हाई कोर्ट ने प्रशासन के आदेश पर रोक लगाते हुए आदेश दिया था कि वो इन लोगों के पुनर्वास की एक नीति लागू कर फिर मकान खाली करवाए। याचिका के अनुसार अब दोबारा फिर प्रशासन उनसे मकान खाली करने पर उतरा हुआ है जबकि उनके लिए कोई नीति लागू नहीं की गई। दरिदों की तरह मकान खाली करवाने पर उतारू प्रशासन
सविता सिसोदिया ने हाई कोर्ट को बताया कि सर्दी का मौसम आने वाला है और चंडीगढ़ प्रशासन दरिदों की तरह इन लोगों को घर से बाहर फेंकने पर उतारू है। प्रशासन कोर्ट के आदेश के बाद भी इन लोगों की कोई पुनर्वास नीति तो लागू नहीं कर रहा, केवल इनसे घर खाली करने पर जोर दे रहा है। याची ने हाई कोर्ट से मांग कि वो मकान खाली करने से पहले इन लोगों के पुनर्वास का काम पूरा करे। दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने प्रशासन को नोटिस जारी कर इस मामले में यथास्थिति के आदेश जारी करे।