चंडीगढ़ में मकान खरीदने के लिए दूसरे राज्यों के लोग दिखा रहे रूचि, 100 से ज्यादा बिड सब्मिट
चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड द्वारा सेल की जा रही रेजीडेंशियल और कमर्शियल प्रापर्टी में दूसरे राज्यों के लोग ज्यादा रूचि दिखा रहे हैं। इन दिनों बोर्ड की दो अलग-अलग प्रापर्टी की ई-टेंडर प्रक्रिया चल रही है। इसमें चंडीगढ़ से ज्यादा पंजाब हरियाणा और हिमाचल के लोग रूचि दिखा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सिटी ब्यूटीफुल में रहने की हर कोई मन में हसरत रखता है। लेकिन यह सपना हर किसी का साकार नहीं होता। इसमें सबसे बड़े आड़े आती है प्रापर्टी की आसमान छूती कीमतें। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) लोगों को शहर में अलग-अलग जगह प्रापर्टी खरीदने का मौका दे रहा है। इन दिनों बोर्ड की दो अलग-अलग प्रापर्टी की ई-टेंडर प्रक्रिया चल रही है। इसमें चंडीगढ़ से ज्यादा पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों के लोग रूचि दिखा रहे हैं। जो प्रापर्टी पहले बिकी हैं उनमें भी बड़ा प्रतिशत इन्हीं लोगों का है। अभी तक दोनों ई-टेंडर में 150 से अधिक बिड सब्मिट हुई हैं। इनमें 60 से अधिक बिड चंडीगढ़ के लोकल रेजिडेंट्स की नहीं हैं।
46 फ्री होल्ड बेसिस रेजिडेंशियल प्रापर्टी का ई-टेंडर जारी कर बिड प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब आप इनमें से अपनी पसंद की किसी भी प्रापर्टी के लिए बिड सब्मिट कर सकते हैं। चार अगस्त शाम छह बजे तक बिडर अपनी बिड सब्मिट कर सकते हैं। इसमें ईडब्ल्यूएस, एलआइजी, वन बेडरूम का रिजर्व प्राइज पहले ई-टेंडर जितना ही रहेगा। वहीं सेक्टर-63 के टू-बेड रूम फ्लैट का रिजर्व प्राइज 67 से बढ़ाकर 70 लाख रुपये कर दिया गया है। वहीं सेक्टर-51 के एमआइजी फ्लैट के लिए रिजर्व प्राइज 83 से बढ़ाकर 90 लाख रुपये कर दिया गया है। इन कैटेगरी के मकानों में रिजर्व प्राइज बदला गया है। एक तरफ जहां पहले मकान नहीं बिकने पर रिजर्व प्राइज घटाया जाता था। लेकिन बोर्ड ने इन कैटेगरी का रिजर्व प्राइज बढ़ा दिया है। शनिवार को इन प्रापर्टी को मौके पर जाकर देखा जा सकता है। सीएचबी ने इसके लिए इन सभी लोकेशन पर ऑफिस बनाए हैं, जिससे लोगों को प्रापर्टी दिखाई जा सके।
38 रेजिडेंशियल और 151 कमर्शियल लीज होल्ड प्रापर्टी की बिड जारी
सीएचबी की 38 रेजिडेंशियल और 151 कमर्शियल लीज होल्ड प्रापर्टी की ई-टेंडर प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए 100 से अधिक बिड सब्मिट भी हो चुकी हैं। साथ ही बोर्ड इन लीज होल्ड प्रापर्टी को फ्री होल्ड कराने का विकल्प भी दे रहा है। बिडर चाहे तो पसंद की प्रापर्टी को खरीदने के बाद फ्री होल्ड करा सकते हैं। हालांकि इसके लिए बिडर को निर्धारित कन्वर्जन फीस और 18 फीसद जीएसटी इसके ऊपर देना होगा
13 बिडर के 26 लाख रुपये जब्त
अभी तक बोर्ड ने पांच ई-टेंडर किए हैं। इसमें सर्वाधित बिड देने वाले 13 बिडर निर्धारित समय में 25 फीसद राशि जमा नहीं करा पाए। प्रेत्येक बिडर की जमा हुई दो लाख रुपये की अर्नेस्ट मनी डिपोजिस्ट को जब्त कर लिया गया। कुल 26 लाख जब्त किए गए हैं। तीन महीने में बोर्ड ने पांच ई-टेंडर से 77 रेजिडेंशियल और नौ कमर्शियल प्रापर्टी बेची हैं। इन 86 प्रापर्टी का रिजर्व प्राइज 62 करोड़ था जबकि बोर्ड ने 67 करोड़ जुटाए हैं।