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मिलावट बड़ी, पेनाल्टी छोटी, अब देना होगा अधिकारियों को जवाब

-लग सकती थी लाखों में पेनाल्टी पर लगाई जा रही है हजारों में -अब केस-केस के हिसाब से ही लगाई ज

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 07:45 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 07:45 PM (IST)
मिलावट बड़ी, पेनाल्टी छोटी, अब देना होगा अधिकारियों को जवाब
मिलावट बड़ी, पेनाल्टी छोटी, अब देना होगा अधिकारियों को जवाब

-लग सकती थी लाखों में पेनाल्टी पर लगाई जा रही है हजारों में

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-अब केस-केस के हिसाब से ही लगाई जाएगी पेनाल्टी : पन्नू

कैलाश नाथ, चंडीगढ़

खाद्य पदार्थो में मिलावट को लेकर सरकार द्वारा चलाए जाने वाले अभियान को प्रशासनिक अधिकारियों ने ही झटका दे दिया है। 'तंदुरुस्त पंजाब' के तहत मिलावटी खाद्य पदार्थ तो पकड़े जा रहे हैं लेकिन उसकी पेनाल्टी बहुत ही कम वसूली जा रही है। वहीं, पेनाल्टी लगाने का तरीका स्वास्थ्य विभाग को पच नहीं रहा है। क्योंकि छोटे मिलावटखोर हो या बड़ा सभी को पेनाल्टी लगाने का तरीका एक जैसा ही है। अब इस तरह की पेनाल्टी पर अधिकारियों को जवाब देना होगा।

वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने यह जिम्मेदारी तंदुरुस्त मिशन पंजाब के कमिश्नर काहन सिंह पन्नू को सौंप दी है। जानकारी के अनुसार विभाग की जानकारी में आया कि मिलावट के मामले में लगाई जाने वाली पेनाल्टी तर्क संगत नहीं है। जहां पर एडीसी स्तर के अधिकारी 8 से 10 लाख रुपये पेनाल्टी लगा सकते हैं वहां पर महज 50,000 रुपये पेनाल्टी लगाई जा रही है। अभी तक इस तरफ सरकार का ध्यान नहीं था लेकिन अब इसे बेहद गंभीरता से देखा जा रहा है। यही नहीं स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को जो प्रजेंटेशन दी है, उसमें पेनाल्टी से वसूली जाने वाली रकम को दो गुणा कर दिया है। पहले मिलावटखोरी पर लगाई जाने वाली पेनाल्टी से सरकार को साल में करीब दो करोड़ रुपये आता था। इसे चार करोड़ रुपये तक ले जाने की तैयारी है।

इसी के तहत अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं कि मिलावट और उससे पड़ने वाले प्रभाव के दायरे को देखकर ही पेनाल्टी लगाई जाए क्योंकि एक रेहड़ी वाले और एक फैक्ट्री वाली की मिलावट को एक समान पेनाल्टी के दायरे में नहीं रखा जा सकता है।

वहीं, काहन सिंह पन्नू का कहना है कि पहले कुछ केस ऐसे सामने आए थे जिनमें लगाई गई पेनाल्टी कतई तर्कसंगत नहीं थी। अब ऐसा नहीं होगा। केस-केस के हिसाब से ही पेनाल्टी लगाई जाएगी।


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