Move to Jagran APP

सड़क पर पकड़े गए पशु को रिलीज करने का जुर्माना अब 20 हजार

पालतू पशुओं को रिलीज करने का जुर्माना बढ़ाने की अधिसूचना जारी कर दी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 10:56 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 10:56 PM (IST)
सड़क पर पकड़े गए पशु को रिलीज करने का जुर्माना अब 20 हजार
सड़क पर पकड़े गए पशु को रिलीज करने का जुर्माना अब 20 हजार

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : प्रशासन ने जब्त किए गए पालतू पशुओं को रिलीज करने का जुर्माना बढ़ाने की अधिसूचना जारी कर दी है। अब गायों, ऊंट, घोड़ों, भैंस, सूअर और सांड को छुड़वाने का जुर्माना 20 हजार रुपये कर दिया गया है। जबकि पहले इस जुर्माने की राशि दो हजार रुपये थी। नगर निगम ने पिछले साल जुर्माने की राशि बढ़ाने का फैसला लिया था जिसकी अधिसूचना अब प्रशासन ने जारी की है। मालूम हो कि शहर की सड़कों पर लावारिस पशुओं की दिक्कत सबसे ज्यादा है। कई ग्वाले रात के समय दूध देने वाले पशुओं और घोड़ों को सड़कों पर छोड़ देते हैं। नगर निगम ने इन पशुओं को पकड़ने के लिए अलग से टीम का गठन भी किया है। कई बार सड़कों पर इन पशुओं के कारण हादसे भी हो चुके हैं। वाहन चालक अपनी जान भी गंवा चुके हैं। फीडिंग चार्ज भी 200 रुपये बढ़ा

loksabha election banner

जारी अधिसूचना के अनुसार पकड़े हुए भेड़ और बकरी को छुड़वाने का जुर्माना अब 1400, दूध देने वाले बछड़े को छुड़वाने का जुर्माना तीन हजार कर दिया गया है। जबकि अन्य किसी भी तरह के पशु और जानवर को छुड़वाने का जुर्माना चार हजार रुपये चार्ज किया जाएगा। मालूम हो कि नगर निगम की ओर से सड़कों पर घूम रहे पशुओं को पकड़कर औद्योगिक क्षेत्र स्थित कैटल पौंड लेकर जाया जाता है जहां पर उसके मालिक से जुर्माना लेकर रिलीज किया जाता है। जारी अधिसूचना के अनुसार अब पकड़े गए पशुओं का प्रति दिन फीडिग चार्ज 500 रुपये लिया जाएगा जोकि पहले 300 रुपये था। इस समय घोड़ों की सबसे ज्यादा दिक्कत सेक्टर-38 में है। तत्काल प्रभाव से लागू होंगे रेट

कमिश्नर केके यादव का कहना है कि प्रशासन ने पकड़े गए पशुओं को छुड़वाने के जुर्माने के नए रेट तय कर दिए हैं। सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी की गई है। ऐसे में तत्काल प्रभाव से नए जुर्माने के रेट लागू हो गए हैं। पकड़ने वाले खुद पाल रहे हैं पशु

दो माह पहले सदन की बैठक में इस बात को लेकर हंगामा हुआ था कि नगर निगम की जो टीम सड़कों पर घूमने वाले लावारिस पशुओं को पकड़ती है। उसके मेंबर खुद ही पशुओं को पालते हैं। भाजपा पार्षद भरत कुमार ने यह मामला उठाया था। उन्होंने कहा था कि रामदरबार और हल्लोमाजरा में लावारिस पशुओं की दिक्कत सबसे ज्यादा है। रात के समय पशुओं को चरने के लिए छोड़ दिया जाता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.