शहर में वाहनों की क्षमता पर सर्वे करेगा पेक
शहर में लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक ने हर किसी के होश फाख्ता कर दिए हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर में लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक ने हर किसी के होश फाख्ता कर दिए हैं। इसको देखते हुए नौबत अब शहर में वाहनों की क्षमता जानने की आ गई है। प्रशासन ने यह जिम्मा पंजाब इंजीनियरिग कॉलेज (पेक) को सौंप दिया है। पेक से कैरिज कैपेसिटी जानने का सर्वे कराने को प्रशासन ने मंजूरी दे दी है। फाइनेंस डिपार्टमेंट ने भी इसके लिए खर्च को मंजूरी दे दी है। आठ लाख रुपये इसके लिए पेक को सेंक्शन कर दिए गए हैं। सेंक्शन के बाद अब पेक की टीम शहर में वाहनों की क्षमता का पता लगाने के लिए सर्वे शुरू करेगी। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने चंडीगढ़ के बढ़ते ट्रैफिक और वाहनों की संख्या पर संज्ञान लेते हुए प्रशासन से कैरिज कैपेसिटी पर रिपोर्ट मांगी थी। प्रशासन को पूरे शहर में वाहनों की संख्या और शहर की क्षमता पर यह रिपोर्ट एनजीटी को देनी है। कैनेडा जैसे कई देशों में कैरिज कैपेसिटी का ध्यान रखा जाता है। यह क्षमता पूरी होने के बाद वाहनों पर रोक लगा दी जाती है। 15 मिनट का सफर 45 मिनट में हो रहा तय
शहर में ट्रैफिक की समस्या गंभीर होती जा रही है। आए दिन पीक ऑवर्स में जाम की स्थिति रहती है। 15 मिनट का सफर तय करने में 45 मिनट से अधिक लग जाते हैं। खासकर सुबह और शाम को ऑफिस के टाइम में ऐसा होता है। कार से घर या ऑफिस पहुंचना सजा लगने लगता है। कारों की संख्या ही 12 लाख को पार कर चुकी है। हर दो महीने में 10 हजार नए वाहन पंजीकृत हो रहे हैं। सीनियर प्रोफेसर की देखरेख में होगा सर्वे
प्रशासन से मंजूरी के बाद पेक पूरे शहर का सर्वे कर वाहनों की क्षमता का आकलन करेगा। सीनियर प्रोफेसर के अंडर यह टीम काम करेगी। जिसमें चंडीगढ़ के रजिस्टर्ड वाहनों के साथ ही बाहर से आने वाले वाहनों और सेक्टरवाइज वाहनों की क्षमता पता लगाया जाएगा। इससे पहले प्रशासन ने फ्रांस की एजेंसी से ट्रैफिक फ्लो पर सर्वे कराया था। जिसमें प्रमुख मार्गो पर वाहनों का फ्लो और बाहर से दाखिल होने वाले वाहनों पर सर्वे किया गया था। हालांकि इस एजेंसी की रिपोर्ट से प्रशासन के अधिकारी संतुष्ट नहीं थे। सदर्न सेक्टरों में सबसे ज्यादा वाहन
2011 की जनगणना के अनुसार चंडीगढ़ देश में सबसे अधिक कारों के घनत्व वाला शहर है। एक-एक सेक्टर में 20 हजार से अधिक वाहन पार्क हो रहे हैं। रजिस्ट्रिंग एंड लाइसेंसिग अथॉरिटी से मिले वाहन पंजीकरण के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। सेक्टर-38 शहर में सबसे ज्यादा वाहनों वाला सेक्टर है। यहां 17,200 वाहन हैं। इस सेक्टर में कारें 8637 और 8563 दोपहिया वाहन हैं। इसके बाद सेक्टर-45 में 16,244 वाहन पंजीकृत हैं। जिनमें कारों की संख्या 6,510 और दोपहिया वाहन 9,734 हैं। तीसरे नंबर पर सेक्टर-41 है जिसमें 13,798 वाहन हैं। इसमें कारें 5,759 और दोपहिया वाहन 8,039 हैं। सेक्टर-20, 22, 35, 37 और 44 भी 10 हजार से अधिक वाहनों वाले सेक्टर हैं। साउथ के सेक्टरों में सबसे अधिक वाहन पंजीकृत हैं। जबकि शुरुआती सेक्टरों में वाहन सबसे कम पंजीकृत हैं। सेक्टर-1 से 6 तक प्रति सेक्टर 1 हजार से भी कम वाहन पंजीकृत हैं। सेक्टर-9 और 10 में भी 1300 के लगभग वाहन पंजीकृत हैं। इन सेक्टरों में अधिकतर कारें ही पंजीकृत हैं। दोपहिया वाहनों की संख्या काफी कम है। पेक को कैरिज कैपेसिटी पर सर्वे करने का काम दिया गया है। इससे पता चलेगा कि शहर में कितने वाहन हैं। उसी हिसाब से भविष्य में सभी तरह की प्लानिंग हो सकेगी।
-डॉ. एके सिगला, सेक्रेटरी, ट्रांसपोर्ट, चंडीगढ़