पंजाब, हरियाणा और हिमाचल से पीजीआइ रेफर करने वाले मरीजों के लिए पहले करना होगा संपर्क
पीजीआइ के लिए मरीज को रेफर करने से पहले पंजाब हरियाणा हिमाचल या अन्य राज्य के अस्पताल प्रशासन को यहां संपर्क करना होगा
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पीजीआइ के लिए मरीज को रेफर करने से पहले पंजाब, हरियाणा, हिमाचल या अन्य राज्य के अस्पताल प्रशासन को यहां संपर्क करना होगा, ताकि क्रिटिकल और सामान्य मरीजों के लिए पहले से व्यवस्था की जा सके। यह कदम पीजीआइ के निदेशक प्रो. विवेक लाल ने उठाया है। उन्होंने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और अन्य राज्य सरकारों से इस संदर्भ में बात की है। देखने में आया है कि ज्यादातर मरीज पंजाब, हरियाणा और हिमाचल से पीजीआइ चंडीगढ़ के लिए रेफर किए जाते हैं।
पीजीआइ प्रशासन को सूचित किए बिना इन राज्यों के सरकारी अस्पतालों से जिन मरीजों को पीजीआइ रेफर किया जाता है, यहां इन मरीजों के पहुंचने पर पीजीआइ में बेड की व्यवस्था और मरीजों को अत्याधिक बोझ के चलते कई बार समय पर इलाज मुहैया नहीं हो पाता। इसका खामियाजा मरीज और उनके परिजनों को उठाना पड़ता है। पीजीआइ निदेशक की ओर से यह प्रयास इसलिए किया जा रहा है, ताकि मरीजों को इलाज के लिए दर-दर की ठोकरें न खानी पड़े। हर माह 20 से 25 हजार मरीज होते हैं यहां रेफर
हर महीने पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर या अन्य राज्यों से पीजीआइ के लिए 20 से 25 हजार मरीजों को इलाज के लिए रेफर किया जाता है। इनमें अधिकतर मरीज पंजाब और हरियाणा से होते हैं। अधिकतर मरीज एडवांस ट्रामा सेंटर पीजीआइ के लिए रेफर किए जाते हैं। यहां सड़क दुर्घटना और क्रिटिकल मरीजों को इलाज के लिए रेफर किया जाता है। इसके अलावा पीजीआइ के न्यूरोसर्जरी, आंखों के विभाग, कैंसर और कार्डियोलाजी विभाग में हृदय रोगियों को इलाज के लिए रेफर किया जाता है।
पंजाब सरकार ने भी पीजीआइ और जीएमसीएच-32 रेफर होने वाले मरीजों के लिए उठाया कदम
हाल ही में पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन के मैनेजिग डायरेक्टर ने सभी सिविल सर्जन को बेवजह मरीजों को पीजीआइ चंडीगढ़ और जीएमसीएच-32 रेफर किए जाने पर रोक लगाई है। मैनेजिग डायरेक्टर ने सिविल सर्जन को इन मरीजों को पंजाब के अलग-अलग राज्यों में स्थित मेडिकल कालेज में इलाज के लिए रेफर किए जाने के लिए कहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब जिला स्तर पर सिविल सर्जन मरीजों को सीधा पीजीआइ चंडीगढ़ और जीएमसीएच-32 के लिए रेफर कर देते हैं तो वहां पहुंचने पर कई बार मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिलता। ऐसे में क्रिटिकल कंडीशन में मरीज की ज्यादा तबीयत खराब होने पर प्राइवेट अस्पताल या फिर दोबारा उसी अस्पताल में लेकर आना पड़ता है। पीजीआइ में इस प्रकार के कई बार मामले सामने आ चुके हैं। ऐसे में पंजाब स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह कदम उठाया गया है।