मार्च से शुरू होगा स्टेशन पर दवा दोस्त केंद्र, यात्रियाें को मिलेंगी सस्ती दवाइयां Chandigarh News
मार्च में यह दवा दोस्त केंद्र लोगों की सहूलियत के लिए शुरू कर दिया जाएगा। इसे दवा दोस्त के नाम से शुरू किया जा रहा है जहां सभी जेनेरिक दवाइयां सस्ते दाम पर लोगों को उपलब्ध होंगी।
चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (आइआरएसडीसी) ने जयपुर की फार्मा कंपनी को चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर केमिस्ट शॉप बनाने के लिए जगह अलॉट की है। अब चंडीगढ़ स्टेशन से गुजरने वाले यात्रियों को सस्ती जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध होंगी। रेलवे स्टेशन के मेन एंट्रेंस पॉइंट पर एस्केलेटर के पास केमिस्ट शॉप बनकर तैयार हो चुकी है।
मार्च में यह दवा दोस्त केंद्र लोगों की सहूलियत के लिए शुरू कर दिया जाएगा। इसे दवा दोस्त के नाम से शुरू किया जा रहा है जहां सभी जेनेरिक दवाइयां सस्ते दाम पर लोगों को उपलब्ध होंगी। बता दे अभी चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन या उसके आसपास के एरिया में एक भी केमिस्ट शॉप नहीं है। आइआरएसडीसी में चंडीगढ़ और दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर दवा दोस्त नाम से केमिस्ट शॉप खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जयपुर की दवा दोस्त कंपनी को 40 हजार में दी गई जगह
इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन चंडीगढ़ के सीजीएम बलवीर सिंह ने बताया कि जयपुर की कंपनी दवा दोस्त रेलवे स्टेशन पर केमिस्ट शॉप खोलने के लिए 40 हजार में यह जगह दी गई है। जहां ब्रांडेड दवाइयों के अलावा सस्ती दवाइयां लोगों को उपलब्ध कराई जाएंगी यह सभी जेनेरिक दवाइयों होंगी।
सिकंदराबाद और बेंगलुरु में भी दवा दोस्त खोलने की तैयारी
दवा दोस्त कंपनी के एमडी यश ने बताया कि चंडीगढ़ और आनंद विहार के बाद वह सिकंदराबाद और बेंगलुरु में दवा दोस्त के नाम से केमिस्ट शॉप खोलेंगे। जहां लोगों को ब्रांडेड दवाइयां की जगह जेनेरिक दवाइयां सस्ते दाम पर उपलब्ध कराई जाएंगी।
रेलवे स्टेशन के पूरी तरह से निजीकरण की तैयारी
इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (आइआरएसडीसी) के जरिए चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन का पूरी तरह से निजीकरण करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर अभी तक यात्रियों को दी जाने वाली सभी सेवाएं रेलवे की ओर से दी जा रही थी। चाहे फिर प्लेटफॉर्म टिकट लेने की बात हो या फिर रेलवे स्टेशन पर बने वेटिंग रूम आदि की बात की जाए।
धीरे-धीरे आइआरएसडीसी इन सभी सेवाओं को प्राइवेट कंपनियों और कांट्रेक्टर को देकर इनका निजीकरण कर चलाने के लिए दे रहे हैं। इसके बदले में आइआरएसडीसी रेलवे को 40 से 50 प्रतिशत की कमाई कर दे रही है। बाकी का 50 प्रतिशत कंपनी खुद रख रही हैं।