छह माह की प्रीमेच्योर बच्ची को मरने के लिए छोड़ गए मां-बाप, PGI आइसीयू में भर्ती
एक दंपती ने इस बच्ची को पीजीआइ चंडीगढ़ में इलाज के लिए भर्ती कराया। उन मां-बाप की ऐसी क्या परिस्थिति रही होगी कि वह अपने कलेजे के टुकड़े को मरने के लिए छोड़ गए।
चंडीगढ़ [विशाल पाठक]। पीजीआइ चंडीगढ़ में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके बारे में सुनते ही किसी भी मां-बाप का मन भर आए। कैसे कोई मां-बाप अपनी नवजात बच्ची को मरने के लिए अकेला छोड़कर भाग सकते हैं। उन मां-बाप की ऐसी क्या परिस्थिति रही होगी कि वह अपने कलेजे के टुकड़े को मरने के लिए छोड़ गए। पीजीआइ चंडीगढ़ में एक छह माह की प्रीमेच्योर बच्ची को क्रिटिकल कंडीशन में आइसीयू में भर्ती कराया गया है। छह माह की प्रीमेच्योर बच्ची को उसके मां-बाप मरने के लिए हरियाणा के यमुनानगर में एक अस्पताल में छोड़ गए थे। एक दंपती ने इस बच्ची को पीजीआइ चंडीगढ़ में इलाज के लिए भर्ती कराया। पीजीआइ चंडीगढ़ के आइसीयू में बच्ची का इलाज चल रहा है।
बच्ची के हार्ट में है रोग, प्रीमेच्योर होने और बीमार होने के कारण छोड़ गए मां-बाप
हरियाणा के यमुनानगर में एक अस्पताल में यह छह माह की प्रीमेच्योर बच्ची एक दंपती को मिली थी। इस दंपती ने इस प्रीमेच्योर बच्ची को पीजीआइ चंडीगढ़ में इलाज के लिए भर्ती कराया था। पीजीआइ चंडीगढ़ के डॉक्टरों की मानें तो यह बच्ची प्रीमेच्योर पैदा हुई। जिसके कारण छह माह की बच्ची के हार्ट में रोग है। डॉक्टरों के मुताबिक प्रीमेच्योर कंडीशन के चलते बच्ची का हार्ट पूरी तरह से डेवलप नहीं हो पाया। जिसके चलते उसके हार्ट में रोग हो गया।
अभिभावकों ने किया परित्याग, अब कौन कराएगा इलाज
छह माह की डॉली का उसके अभिभावकों ने परित्याग कर दिया। इस बच्ची को एक दंपती बचाने के लिए पीजीआइ चंडीगढ़ तो ले आया। उसकी देखरेख भी कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि अब इस बच्ची का इलाज कौन कराएगा। डॉक्टरों का कहना है कि बच्ची के हार्ट में प्रॉब्लम हैं। बच्ची के इलाज पर लाखों रुपये खर्च होंगे। ऐसे में पीजीआइ चंडीगढ़ भी अपने पूअर पेशेंट फंड से बच्ची की हरसंभव मदद कर रहा है।
सरकार और प्रशासन के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के खोखले दावे
बच्ची इलाज के लिए पीजीआइ चंडीगढ़ के आइसीयू में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। एक तरफ हरियाणा सरकार और चंडीगढ़ प्रशासन बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के दावे करती है। लेकिन अब तक बच्ची की मदद के लिए न तो हरियाणा सरकार की ओर से और न ही चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से कोई पहल की गई है। पीजीआइ चंडीगढ़ अपने स्तर पर ही बच्ची का इलाज कर रही है। जिस शख्स ने इस बच्ची को पीजीआइ चंडीगढ़ में भर्ती कराया। वह इंसानियत के नाते अब तक बच्ची के इलाज पर 60 हजार रुपये खर्च कर चुका है।
बच्ची की मदद के लिए शख्स ने लगाई गुहार
बच्ची को पीजीआइ चंडीगढ़ में भर्ती कराने वाले इस शख्स ने हरियाणा सरकार, चंडीगढ़ प्रशासन और तमाम एनजीओ से मदद की गुहार लगाई है। इस शख्स ने पीजीआइ चंडीगढ़ को संपर्क कर इस बच्ची की मदद के लिए अपील की है।
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