पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी मुकेश स्टेट अवॉर्ड से सम्मानित, बहादुरी और हौसले की मिसाल है इनका जीवन
ओलंपिक कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में हिस्सा ले चुके मुकेश कुमार अभी तक नेशनल गेम्स में 14 गोल्ड मेडल 8 सिल्वर मेडल और ब्रांज मेडल 7 मेडल जीत चुके हैं।
By Edited By: Published: Fri, 16 Aug 2019 09:30 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 01:21 PM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके मुकेश को स्वतंत्रता दिवस पर पंजाब के गवर्नर व चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने स्टेट अवॉर्ड देकर सम्मानित किया। ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में हिस्सा ले चुके मुकेश कुमार अभी तक नेशनल गेम्स में 14 गोल्ड मेडल, 8 सिल्वर मेडल और ब्रांज मेडल 7 मेडल जीत चुके हैं। इतना ही नहीं, इंटरनेशनल स्तर पर भी मुकेश का प्रदर्शन शानदार रहा है। इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में वह 6 गोल्ड, 11 सिल्वर और 15 ब्रांज मेडल जीत चुके हैं। इसके अलावा मुकेश सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
ट्रेन के नीचे आ रहे बच्चे को बचाने में कटी थी टांग
मुकेश ने बताया कि साल 2003 में वह एक टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की दिल्ली गए थे, वापसी के दौरान भिवानी रेलवे स्टेशन पर एक बच्चा खेलते अचानक पटरी पर आ गया, दूसरी तरफ से ट्रेन आ रही थी। मुझे कुछ भी समझ नहीं आया मैंने झपटकर बच्चे को दूसरी तरफ धकेल दिया। इसी हादसे में मेरी टांग कट गई लेकिन मुझे खुशी है कि बच्चा बच गया। इसी घटना के बाद मुझे देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने 2004 में मुझे देश के सबसे बड़े बहादुरी पुरस्कार जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया था।
मुकेश को मिल चुके हैं कई अवार्ड
-पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम द्वारा देश का सबसे बड़ा बहादुरी का जीवनरक्षा पदक दिया गया।
-पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी द्वारा नेशनल अवॉर्ड।
-पंजाब के राज्यपाल ओपी मां की ओर से रेड एंड व्हाइट बहादुरी पुरस्कार।
-हरियाणा सरकार की तरफ से स्टेट अवॉर्ड।
-हरियाणा सरकार की तरफ से पर्यावरण रक्षक अवॉर्ड।
-हरियाणा सरकार की तरफ से गॉडफैरी फिलीपींस बहादुरी अवॉर्ड।
-हरियाणा सरकार की तरफ विवेकानंद अवॉर्ड।
मुकेश की पत्नी भी हैं इंटरनेशनल स्तर की खिलाड़ी
पीयू में एलएलएम की पढ़ाई कर रही पूनम ने बताया कि उन्होंने साल 2009 में शादी के बाद मुकेश के साथ टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था। पोलियो होने की वजह से मुझे शुरुआत में दिक्कत महसूस हुई लेकिन कुछ दिनों की मेहनत के बाद मुझे इस खेल में मजा आने लगा। मैंने अब तक इंटरनेशनल स्तर पर 3 गोल्ड, 2 सिल्वर और 2 ब्रांज मेडल जीते हैं। वहीं, राष्ट्रीय स्तर मैंने 8 गोल्ड, 14 सिल्वर और 5 ब्रांज मेडल जीते हैं।
ट्रेन के नीचे आ रहे बच्चे को बचाने में कटी थी टांग
मुकेश ने बताया कि साल 2003 में वह एक टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की दिल्ली गए थे, वापसी के दौरान भिवानी रेलवे स्टेशन पर एक बच्चा खेलते अचानक पटरी पर आ गया, दूसरी तरफ से ट्रेन आ रही थी। मुझे कुछ भी समझ नहीं आया मैंने झपटकर बच्चे को दूसरी तरफ धकेल दिया। इसी हादसे में मेरी टांग कट गई लेकिन मुझे खुशी है कि बच्चा बच गया। इसी घटना के बाद मुझे देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने 2004 में मुझे देश के सबसे बड़े बहादुरी पुरस्कार जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया था।
मुकेश को मिल चुके हैं कई अवार्ड
-पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम द्वारा देश का सबसे बड़ा बहादुरी का जीवनरक्षा पदक दिया गया।
-पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी द्वारा नेशनल अवॉर्ड।
-पंजाब के राज्यपाल ओपी मां की ओर से रेड एंड व्हाइट बहादुरी पुरस्कार।
-हरियाणा सरकार की तरफ से स्टेट अवॉर्ड।
-हरियाणा सरकार की तरफ से पर्यावरण रक्षक अवॉर्ड।
-हरियाणा सरकार की तरफ से गॉडफैरी फिलीपींस बहादुरी अवॉर्ड।
-हरियाणा सरकार की तरफ विवेकानंद अवॉर्ड।
मुकेश की पत्नी भी हैं इंटरनेशनल स्तर की खिलाड़ी
पीयू में एलएलएम की पढ़ाई कर रही पूनम ने बताया कि उन्होंने साल 2009 में शादी के बाद मुकेश के साथ टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था। पोलियो होने की वजह से मुझे शुरुआत में दिक्कत महसूस हुई लेकिन कुछ दिनों की मेहनत के बाद मुझे इस खेल में मजा आने लगा। मैंने अब तक इंटरनेशनल स्तर पर 3 गोल्ड, 2 सिल्वर और 2 ब्रांज मेडल जीते हैं। वहीं, राष्ट्रीय स्तर मैंने 8 गोल्ड, 14 सिल्वर और 5 ब्रांज मेडल जीते हैं।
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