बादल परिवार के करीबी पंजौली ने कहा- पांच प्यारों के सामने गलती स्वीकारें सुखबीर
बादल परिवार के करीबी करनैल सिंह पंजौली ने कहा कि यदि सुखबीर अकाली दल का अध्यक्ष बने रहना चाहते हैं तो उन्हें पांच प्यारों के आगे पेश हो अमृतपान भंग करने की गलती मान लेनी चाहिए।
चंडीगढ़ [जय सिंह छिब्बर]। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के वरिष्ठ सदस्य एवं बादल परिवार के करीबी करनैल सिंह पंजौली ने कहा कि यदि सुखबीर सिंह बादल अकाली दल का अध्यक्ष बने रहना चाहते हैं, तो उन्हें पांच प्यारों के आगे पेश हो कर अमृतपान भंग करने की अपनी गलती मान लेनी चाहिए। सुखबीर के गलती मानने से ही अकाली दल व सिख पंथ का भला होगा।
एक निजी चैनल को दिए गए विशेष साक्षात्कार में पंजौली ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को अपनी सेहत का हवाला देकर इस्तीफा देने के बजाय सिख संगत को सत्य बताना चाहिए कि उन्होंने सत्य के तख्त से सत्य नहीं बोला। उन्होंने कहा कि एक महान संस्था के प्रमुख को यदि सिख कौम की तरफ से मान सम्मान, प्यार नहीं दिया जाता तो ऐसी जिंदगी जीना मुर्दों से भी बुरी होती है।
महान तख्त पर झूठा व्यक्ति नहीं बैठ सकता
हमेशा बेबाकी के साथ बात कहने वाले पंजौली ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब सत्य का तख्त है। उस महान तख्त पर झूठा व्यक्ति नहीं बैठ सकता। इसलिए जत्थेदार साहब को मान लेना चाहिए कि वह सत्य नहीं बोल सके। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब का जत्थेदार पंथक जत्बे वाला ऐसा नेता होना चाहिए जो अपने पारिवारिक सदस्यों, रिश्तेदारों को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में नौकरी लगाने की इच्छा न रखता हो।
जमीर की आवाज सुन पद छोड़ें ज्ञानी गुरमुख सिंह
उन्होंने कहा कि ज्ञानी गुरमुख सिंह को भी अपने जमीर की आवाज सुनकर ऐसी पदवी पर नहीं रहना चाहिए। पंजौली ने कहा कि सुखबीर बादल को अपने पिता की विरासत मिली है, लेकिन वह धर्म और पंथक क्षेत्र में अनजान हैं।
सीनियर नेताओं की बात मानें सुखबीर
अकाली दल की तरफ से पटियाला, फरीदकोट और अबोहर में से रैलियों के संदर्भ में पंजौली ने कहा कि अकाली दल पंथक पार्टी है, कोई भी अध्यक्ष हो जलसा इसी तरह होता रहेगा, लेकिन यदि सुखबीर बादल को अकाली दल का अध्यक्ष बने रहना है, तो उनको पांच करारों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल की बड़ी गलती है कि उन्होंने अमृतपान भंग किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के सीनियर पंथक नेताओं सुखदेव सिंह ढींडसा, रत्न सिंह अजनाला, सेवा सिंह सेखों, रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा, बलविंदर सिंह भूंदड़ की बात सुखबीर बादल को मान लेनी चाहिए।