व्हीकल बैन करने के विरोध में सोई व एनएसयूआइ एकजुट
पंजाब यूनिवर्सिटी की तरफ से स्टूडेंट्स के व्हीकल बैन करने के विरोध में एनएसयूआइ व सोई विरोध में आ गई हैं।
डॉ. रविंद्र मलिक, चंडीगढ़
पंजाब यूनिवर्सिटी की तरफ से स्टूडेंट्स के व्हीकल बैन करने के विरोध छात्र संगठन सोई व एनएसयूआइ एकजुट हो गए हैं। दोनों पार्टियों के सीनियर नेताओं ने वीरवार को मामले को लेकर साझा बैठक की। उसमें फैसला किया गया कि पहले टीचर्स की गाड़ी बंद करो, उसके बाद स्टूडेंट्स के वाहनों पर बैन लगाया जाए। फिलहाल स्टूडेंट्स छुंट्टी पर चल रहे हैं, लेकिन 1 जुलाई से स्टूडेंट्स वापस कैंपस में आएंगे तो हंगामा तय है। सोई ने पीयू के उच्च अधिकारियों के खिलाफ धरना देने तक की बात कहीं है। दूसरी तरफ 1 जुलाई से चुनावी गतिविधियां शुरू हो रही हैं। ऐसे में कोई भी पार्टी इस मुद्दे को कैश करने में पीछे नहीं रहना चाहती। सोई के नेता इस बात पर एकजुट हैं किसी भी हालत में अकेले स्टूडेंट्स पर ही यह नियम लागू नहीं होना चाहिए। पार्टी के नेताओं ने वीरवार को भी यह रणनीति बनाई कि अगर अकेले स्टूडेंट्स की गाड़ियां रोकी जाती हैं तो वे वीसी, डीयूआइ, रजिस्ट्रार और कंट्रोलर की गाड़ियों को भी नहीं चलने देंगे। एनएसयूआइ भी उनका साथ दे रही है। उनके उलट स्टूडेंट्स फॉर सोसाइटी (एसएफएस) मामले को लेकर विपरित स्टैंड अपना रही है। पार्टी इस पक्ष में है कि स्टूडेंटस के व्हीकल बैन करने में कोई आपत्ति नहीं है। उनके अनुसार इसमें स्टिकर वाला विकल्प भी नहीं होना चाहिए। सभी स्टूडेंटस पर इसको लागू किया जाए। क्या है नियम
पीयू ने नियम बनाया है कि एकेडमिक एरिया में केवल टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ के वाहन ही एंट्री कर पाएंगे। स्टूडेंट्स के वाहनों को वहां एंट्री नहीं मिलेगी। इसी को लेकर स्टूडेंट्स में गुस्सा है। वाहनों को खड़े करने के लिए सभी गेट व जगह पार्किग निर्धारित की गई है। पुलिस की एंट्री पर छात्र नेता नाखुश
पीयू ने नई पॉलिसी में स्पष्ट किया है अगर कोई वाहन निर्धारित पार्किग में नहीं खड़ा मिला या नियमों की अवेहलना पाई गई तो पुलिस को वाहनों का टो व चालान करने की अनुमति होगी। इसको लेकर भी छात्रों में काफी गुस्सा है। ---
यह कतई गलत है। स्टूडेंट्स के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। अगर ऐसा हुआ तो हम उच्च अधिकारियों की गाड़ी भी पीयू में नहीं चलने देंगे। सबसे पहले टीचर्स के वाहनों पर बैन लगना चाहिए। इससे सकारात्मक संदेश जाएगा।
विक्की मिड्डूखेड़ा, सीनियर नेता, सोई। व्हीकल बैन का फैसला समान रूप से सभी पर लागू होना चाहिए। टीचर्स को भी इस दायरे में लाया जाए। केवल स्टूडेंट्स पर ही इसको लागू करने से गलत संदेश जाएगा।
मनोज लुबाणा, एनएसयूआइ सीनियर नेता स्टूडेंटस का व्हीकल तो बैन करना ही चाहिए। पूरी तरह से व्हीकल बैन करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाने की जरूरत है।
हरमन, सीनियर नेता, एसएफए।