जैसमीन की जान बचाने ऊपर गई थी पाक्षी, दोस्त को बचा खुद गवां बैठी जान
पाक्षी और रिया ने ली थी आइलेट्स की कोचिंग विदेश जाने का था सपना।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : बीते शनिवार को सेक्टर-32 में हुए अग्निकांड में अपनी जान गंवाने वाली तीनों लड़कियां जिदंगी में कुछ बड़ा हासिल करने के सपने के साथ शहर में आई थी। पाक्षी और रिया विदेश जाना चाहती थी। इसके लिए दोनों ने आइलेट्स भी कर ली थी। इसके अलावा पाक्षी भी विदेश में जाकर जॉब करना चाहती थी। वहीं, मुस्कान टीचर बनना चाहती थी। पाक्षी ने आग लगे होने के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना अपने दोस्त की जान भी बचाई। एमकॉम के बाद पीएचडी करना चाहती थी मुस्कान
मुस्कान के परिवार वालों ने बताया कि एमकॉम रही मुस्कान नेट क्वालीफाई कर पीएचडी करना चाहती थी। उसका सपना टीचर बनने का था। रिया के चाचा मुकेश ने बताया कि रिया विदेश जाना चाहती थी और इसके लिए यहां प्राइवेट इंस्टीट्यूट से फ्रेंच भाषा में कोर्स कर रही थी। हाल ही में आइलेट्स की कोचिग पूरी कर चुकी थी और और सात बैंड हासिल किए थे। पांच साल पहले पिता का हो गया था देहांत
रिया के पिता का पांच साल पहले किसी बीमारी के चलते देहांत हो गया था। एक बड़ी बहन है जो इंग्लैंड में रहती है, रिया अब उन्हीं के पास जाना चाहती थी। वहीं, पाक्षी का सपना भी विदेश में जाकर जॉब करना था। दोस्त की जान बचाते हुए पाक्षी ने अपनी जान गंवा दी
दोस्ती में हम जान दे देंगे, अकसर ऐसा सिर्फ फिल्मों में सुनने और देखने को मिलता है। लेकिन रियल लाइफ में भी एक दोस्त ने अपनी जान की परवाह किए बिना अपने दोस्त की जान बचा ली और अपनी जान गंवा दी। सेक्टर-32 स्थित एसडी कॉलेज में बीबीए की तैयारी कर रही आस्था ने बताया कि जिस समय आग लगी, वह भी पाक्षी के साथ ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद थी। पाक्षी उसकी अच्छी दोस्त थी। जैसे ही आग लगी तो फर्स्ट फ्लोर पर आग में फंसी हुई अपनी दोस्त जैसमीन को बचाने के लिए ऊपर भागी। पाक्षी ने जैसमीन को तो बचा लिया लेकिन खुद की जान गंवा दी।