श्री ननकाना साहिब जा रहे हिंदू श्रद्धालुओं को बॉर्डर पर रोका, राज्यसभा में उठा मुद्दा, पाकिस्तान के दुर्व्यवहार की निंदा
राज्यसभा सदस्य सतनाम सिंह संधू ने श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर ननकाना साहिब जा रहे भारतीय श्रद्धालुओं के साथ वाघा-अटारी बॉर्डर पर हुए भेदभा ...और पढ़ें

राज्यसभा सदस्य सतनाम सिंह संधू ने इस मुद्दे को उठाया। पाकिस्तान सरकार से बात करने का आग्रह।
संवाद सहयोगी, मोहाली। पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर सिख जत्थे के साथ श्री ननकाना साहिब जा रहे हिंदू श्रद्धालुओं को भेदभावपूर्ण तरीके से वाघा-अटारी बाॅर्डर पर पाकिस्तान में एंट्री न देने का मुद्दा राज्यसभा में उठा। राज्यसभा सदस्य सतनाम सिंह संधू ने इस मुद्दे को उठाया।
संधू ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से हिंदू श्रद्धालुओं के साथ ऐसा भेदभाव किया जाना बेहद ही निंदनीय है। केंद्र सरकार से मांग है कि इस मामले को पाकिस्तान सरकार के सामने उठाया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो। किसी भी यात्री के साथ ऐसा गलत व्यवहार न किया जाए।
यह मुद्दा राज्यसभा सदस्य सतनाम संधू ने स्पेशल मेंशन भाषण के माध्यम से राज्य सभा में उठाया। संधू ने कहा कि इस वर्ष पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी के 556वें प्रकाश पर्व पर 2100 लोगों को पाकिस्तान में ननकाना साहिब के दर्शन करने के लिए अनुमति दी गई थी, जिनमें से 1900 श्रद्धालु दर्शनों के लिए गए थे।
इन सिख श्रद्धालुओं के जत्थे में दिल्ली, लखनऊ और नवांशहर के 14 लोग ऐसे भी थे जो सिख नहीं थे, जिनके साथ 4 नवंबर को वाघा-अटारी बाॅर्डर पर पाकिस्तानी इमिग्रेशन और पाकिस्तानी रेंजरों ने बदसलूकी की और उन्हें अपमानित करके वापस लौटा दिया, जोकि निंदनीय है।
जिक्रयोग्य है कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए समझौते के तहत पाकिस्तान में भारत से श्रद्धालु एक वर्ष में चार बार धार्मिक और ऐतिहासिक तीर्थ संस्थानों की यात्रा पर जाते हैं। संधू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद किया और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के साथ तनाव के बावजूद सरकार ने श्री ननकाना साहिब, पाकिस्तान की यात्रा सतत जारी रखी और सिखों की भावनाओं का सम्मान किया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।