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हिस्ट्री फॉर पीस कॉन्फ्रेंस में पेंटिंग्स के जरिये भारत का असल इतिहास दिखाने की कोशिश

चित्रकारी सदियों से इतिहास की छाप बताती रही है। इसमें पहाड़ी पेंटिंग से लेकर पुरानी किताबों में मौजूद चित्र भी शामिल हैं।

By Edited By: Published: Thu, 02 May 2019 09:14 PM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 03:04 AM (IST)
हिस्ट्री फॉर पीस कॉन्फ्रेंस में पेंटिंग्स के जरिये भारत का असल इतिहास दिखाने की कोशिश
हिस्ट्री फॉर पीस कॉन्फ्रेंस में पेंटिंग्स के जरिये भारत का असल इतिहास दिखाने की कोशिश
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चित्रकारी सदियों से इतिहास की छाप बताती रही है। इसमें पहाड़ी पेंटिंग से लेकर पुरानी किताबों में मौजूद चित्र भी शामिल हैं। जिन्हें भारत में कई मुस्लिम पेंटर ने बनाया। इसमें कई राजाओं द्वारा तैयार की गई रामायण भी हैं, जिसमें काम मुस्लिम पेंटर ने किया। ऐसे में पेंटिग्स के जरिये हम असल हिंदुस्तान को समझ सकते हैं। आर्ट हिस्टोरियन बीएन गोस्वामी ने कुछ इसी अंदाज में पेंटिंग्स के जरिये असल भारत को दिखाने की कोशिश की। शुक्रवार को सेंट कबीर पब्लिक स्कूल-26 में आयोजित हिस्ट्री फॉर पीस कॉन्फ्रेंस में वह मुगल रामायण पर बातचीत करने पहुंचे।

अकबर ने अपनी मां के लिए खास रूप से तैयार की थी रामायण
गोस्वामी ने कहा कि अकबर को रामायण बहुत प्रभावित करती थी। उनसे भी ज्यादा उनकी मां हमीदा बानो बेगम के लिए एक रामायण को बनवाया। ये चित्र और टेक्स्ट के रूप में रही। जिसमें उस दौरान पेंटर खान-ए-खाना ने चित्र बनाए। इस रामायण को देखकर आपको हैरानी होगी। क्योंकि इसे परशियन भाषा में लिखा गया। जिसमें श्रीराम के लंका दहन तक को दिखाया गया। इस रामायण से बानो बेगम इस कदर जुड़ गई, कि उन्होंने अपनी मृत्यु शैया के समय भी रामायण को अपने पास रखा। वो एक तरह से इससे इतना प्रभावित हो गई थी। इसी वजह से अकबर को भी रामायण ने अपनी ओर आकर्षित किया।

पंडित देवी मिश्र के साथ मिलकर अकबर ने तैयार की रामायण
गोस्वामी ने कहा कि अकबर को रामायण ने बहुत प्रभावित किया था। इसलिए वो एक बार पंडित देवी मिश्र से मिले। जो ¨हदी और परशियन दोनों ही भाषा के ज्ञाता थे। ऐसे में उन्होंने उनसे रामायण के बारे में जाना और उसकी हर घटना के लिए उन्हें परशियन में रामायण तैयार करने को कहा। इसके बाद बदाउनी ने इस ट्रांसलेट किया। हिंदुत्व से प्रभावित होकर हमीदा ने तैयार करवाया मंदिर गोस्वामी ने कहा कि अकबर की मां हमीदा हिंदुत्व से बहुत प्रभावित थी। उन्होंने इससे प्रभावित होकर मथुरा में मंदिर बनाने के लिए पैसे भी दिए। ऐसे ही राजस्थान के एक राजा ने भी रामायण को बनवाया, जिसमें चित्रकारी के लिए उन्होंने फिरदोस को बुलवाया, जो उस जमाने में प्रमुख पेंटर रहे। ऐसे ही कितनी ही रामायम रही, जिसे मुस्लिम पेंटर ने पेंट किया। कई रामायण में तो चित्र भी सीधे से उल्टे शुरू होते हैं, जिससे मुस्लिम पेंटर की छाप मिलती है।

देश बंटा मगर रिश्ते वही हैं
कॉन्फ्रेंस में प्रो. रोमिला थापर भी पहुंचीं। उन्होंने विभाजन पर अपनी बात रखी और कहा कि देश का विभाजन बहुत दुखद रहा। मगर आज भी दोनों देशों में लोगों के बीच एक संबंध कायम हैं। पाकिस्तान में एक देवी मंदिर है, जिसे लोग बीबी जी कहकर पुकारते हैं। हर धर्म के लोग वहां पहुंचते हैं। ऐसे में हम देख सकते हैं कि विभाजन के बाद भी लोगों की सोच वही है। हमारे विचार आज भी एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।

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