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तीन वॉलंटियर्स को दी गई ऑक्सफोर्ड कोविडशिल्ड की दूसरी डोज

कोविडशिल्ड वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल का दूसरा फेज शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 05:48 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 05:48 AM (IST)
तीन वॉलंटियर्स को दी गई ऑक्सफोर्ड कोविडशिल्ड की दूसरी डोज
तीन वॉलंटियर्स को दी गई ऑक्सफोर्ड कोविडशिल्ड की दूसरी डोज

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पीजीआइ में ऑक्सफोर्ड कोविडशिल्ड वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल का दूसरा फेज शुरू हो गया है। शनिवार को तीन वॉलंटियर्स को ऑक्सफोर्ड कोविडशिल्ड वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई। इन तीनों वॉलंटियर्स में 28 दिनों तक कोई भी साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिले। 29वें दिन इन वॉलंटियर्स को वैक्सीन की यह दूसरी डोज दी गई। 25 सितंबर को इन तीनों वॉलंटियर्स को वैक्सीन की पहली डोज दी गई थी। अभी तक पीजीआइ में 101 वॉलंटियर्स को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। किसी भी वॉलंटियर में वैक्सीन की पहली डोज के कोई खतरनाक लक्षण देखने को नहीं मिले। हालांकि कुछ वॉलंटियर्स में बुखार और ठंड लगने जैसी स्वास्थ्य दिक्कत देखने को मिली। लेकिन पीजीआइ के वायरोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रो. मिनी सिंह ने बताया कि वैक्सीन के ट्रायल में इस प्रकार के लक्षण सामने आना मामूली बात है। ट्रायल के लिए अब तक 143 लोगों की हुई स्क्रीनिग

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ऑक्सफोर्ड कोविडशिल्ड वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए पीजीआइ में अब तक 143 लोगों की स्क्रीनिग की गई है। जबकि 101 वॉलंटियर्स का वैक्सीन की पहली डोज दी गई है। प्रो. मिनी सिंह ने बताया कि जैसे-जैसे वॉलंटियर्स पहली डोज का फ‌र्स्ट फेज पूरा कर लेंगे। उन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज दी जाती रहेगी। वैक्सीन की दूसरी डोज का ट्रायल करीब दो महीने तक चलेगा। वैक्सीन का पूरा ट्रायल होने के बाद सभी वॉलंटियर्स में आए बदलाव और शरीर के अंदरूनी हिस्से में किस प्रकार के बदलाव हुए । उन पर रिपोर्ट तैयार कर वैक्सीन को ह्यूमन सेफ्टी के मापदंडों पर परखा जाएगा। एंटीबॉडी वालों पर नहीं होगा ह्यूमन ट्रायल

प्रो. मिनी ने बताया कि पीजीआइ के सेरो सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। पीजीआइ के वायरोलॉजी डिपार्टमेंट ने ऑक्सफोर्ड कोविडशिल्ड वैक्सीन के लिए अब तक 143 वॉलंटियर्स की स्क्रीनिग की है। इनमें से स्क्रीनिग के दौरान अब तक पांच वॉलंटियर्स मे पहले से ही एंटीबॉडी बनी हुई मिली। जिससे यह पता चलता है कि इन पांच लोगों को पहले कोरोना हुआ था। लेकिन उन्हें संक्रमण के बारे में पता नहीं चला। और उनके शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी से वह ठीक हो गए।


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