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170 करोड़ के नेहरू एक्सटेंशन विंग में इलाज के लिए अभी करना होगा इंतजार, यहां फंसा है पेंच Chandigarh News

नेहरू एक्सटेंशन विंग की बिल्डिंग अभी तक पीजीआइ प्रशासन को हैंडओवर नहीं की गई है। ऐसी स्थिति में सरकार के दबाव के बावजूद पीजीआइ प्रशासन यहां इलाज शुरू करने में असमर्थ है।

By Edited By: Published: Fri, 16 Aug 2019 09:23 PM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 10:58 AM (IST)
170 करोड़ के नेहरू एक्सटेंशन विंग में इलाज के लिए अभी करना होगा इंतजार, यहां फंसा है पेंच Chandigarh News
170 करोड़ के नेहरू एक्सटेंशन विंग में इलाज के लिए अभी करना होगा इंतजार, यहां फंसा है पेंच Chandigarh News

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पीजीआइ नेहरू अस्पताल के 170 करोड़ की लागत से बनाए गए एक्सटेंशन विंग में मरीजों को इलाज के लिए अभी और इंतजार करना होगा। कारण अस्पताल की बिल्डिंग का अब तक पीजीआइ प्रशासन को हैंडओवर न होना है। ऐसी स्थिति में सरकार के दबाव के बावजूद पीजीआइ प्रशासन यहां इलाज शुरू करने में असमर्थ है। पीजीआइ डायरेक्टर ने पिछले दिनों 16 अगस्त को यहां चार डिपार्टमेंट शिफ्ट कर इलाज शुरू करने का दावा किया था लेकिन उस डेट तक अभी वहां टूटे टाइल्स लगाने और वायर बिछाने का काम ही चल रहा है।

ये चार विभाग होने हैं शिफ्ट
नेहरू हॉस्पिटल एक्सटेंशन ब्लॉक में इंडोक्राइनोलॉजी, ईएनटी, रेडियोथैरेपी और हिपेटोलॉजी डिपार्टमेंट के इनडोर को शिफ्ट करना है। इन विभागों में मरीजों का लोड देखते हुए इन्हें शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। पीजीआइ प्रशासन के निर्देशानुसार इन विभागों से संबंधित मशीन और फर्नीचर यहां लगभग दो महीने से शिफ्ट हो रहा है।

देश में इतनी खूबियों वाला होगा पहला अस्पताल होगा
-इस हॉस्पिटल में 10 ऑपरेशन थिएटर हैं। मरीजों को संक्रमण से बचाने के लिए जर्मन तकनीक पर आधारित 99.9 बैक्टीरिया फ्री सॉलिड मिनरल सरफेस बनाया गया है।
-यहां मरीजों के ब्लड सैंपल एक बॉक्स में रखे जाएंगे जो ऑटोमेटिक मैटेरियल ट्रांसपोर्ट सिस्टम के माध्यम से जांच वाले स्थान पर पहुंचेंगे। इस तकनीक से नर्सिग स्टाफ के पास महज 30 सेकेंड में दवाइयां पहुंचेंगी। -हॉस्पिटल में मरीजों को जल्दी ठीक करने के उद्देश्य से हि¨लग गार्डन भी बनाया गया है। इस गार्डन में औषधीय पौधे लगाए गए हैं। इसके माध्यम से मरीजों को अस्पताल में एक अलग वातावरण देने का प्रयास होगा। -यहां पानी की बचत के लिए ऐसी सेंसर बेस्ट टैब लगाए गए हैं जिससे जरूरत के अनुसार ही पानी निकलेगा। -बिल्डिंग के एसी प्लांट में एनर्जी से¨वग इक्यूपमेंट लगाए गए हैं जिससे एक साल में लगभग चार करोड़ की बिजली बचत करने का अनुमान लगाया गया है।

अस्पताल का विस्तार कुछ यूं है
ब्लॉक ए-1, ए-2 और बी-2 ग्राउंड फ्लोर, फैकल्टी ऑफिस, कैफेटेरिया एडमिनिस्ट्रेशन, फ‌र्स्ट फ्लोर, ईएनट विंग, ईएनटी वार्ड, सर्जिकल आंकोलॉजी, सेकेण्ड फ्लोर, हिपेटोलॉजी वार्ड, हिपेटोलॉजी डिपार्टमेंट, इंडोक्रोनोलॉजी डिपार्टमेंट, थर्ड फ्लोर, प्राइवेट वार्ड, फॉर्थ फ्लोर, ओटी कांप्लेक्स, पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड, बेसमेंट, सर्विसेज एंड स्टोर।
ब्लॉक बी-20 सी-1 व सी- 2 ग्राउंड फ्लोर, रेडियोलॉजी, फ‌र्स्ट फ्लोर, प्राइवेट वार्ड, एचडीयू ऑकोलॉजी, आंकोलॉजी वार्ड, रेडियोथैरेपी, सेकेंड फ्लोर, इंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट, रेडियोन्यूक्लाइड थैरेपी वार्ड, थर्ड फ्लोर, प्राइवेट वार्ड, फॉर्थ फ्लोर प्री ऑपरेटिव वार्ड, आईसीयू, स्टोर एंड ऑगर्न बैंक।

हाईलाइट 334 बेड 170 करोड़ लागत 200 सीसीटीवी कैमरों से लैस 99.9 बैक्टीरिया फ्री शिफ्टिंग का काम चल रहा है। चारों डिपार्टमेंट के एचओडी अपने हिसाब से उपकरणों की शिफ्टिंग करा रहे हैं। अभी बिल्डिंग हैंडओवर नहीं हुई है। कुछ काम बाकी है। जल्द ही सुविधा शुरू हो जाएगी।
-प्रो. जगतराम, पीजीआइ डायरेक्टर

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