काउंसलिंग मीटिंग में नहीं बुलाने पर देशभगत यूनिवर्सिटी ने दायर किया केस, एक करोड़ रुपये किया क्लेम
देशभगत यूनिवर्सिटी ने काउंसलिंग मीटिंग में नहीं बुलाने पर चंडीगढ़ की जिला अदालत में बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइसेंस फरीदकोट के खिलाफ सिविल सूट दायर किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के मंडी गोबिंगढ़ की देशभगत यूनिवर्सिटी ने काउंसलिंग मीटिंग में नहीं बुलाने पर चंडीगढ़ की जिला अदालत में बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइसेंस फरीदकोट के खिलाफ सिविल सूट दायर किया है। देशभगत यूनिवर्सिटी ने बाबा फरीद यूनिवर्सिटी पर एक करोड़ रुपये का क्लेम किया है। याचिकाकर्ता की ओर से दायर वाद में आरोप लगाया गया है कि बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ने जानबूझकर उन्हें दो बार स्टूडेंट्स के दाखिले को लेकर काउंसिलिंग के लिए हुई मीटिंग में नहीं बुलाया। इस कारण उन्हें काफी आर्थिक नुकसान होने के साथ ही उनकी यूनिवर्सिटी की छवी भी खराब हुई है।
देशभगत यूनिवर्सिटी का डेंटल कॉलेज पहले बाबा फरीद यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड था। उनके यहां पहले बीडीएस की 60 सीटें थी। वर्ष 2017 में ज्ञान सागर इंस्टीट्यूट बंद होने के बाद पंजाब सरकार ने उनके स्टूडेंट्स को पंजाब के अन्य कॉलेजों में शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे। पंजाब सरकार ने इन स्टूडेंट्स को शिफ्ट करने की जिम्मेदारी बाबा फरीद यूनिवर्सिटी को दी तो बाबा फरीद यूनिवर्सिटी की ओर से काउंसिलिंग करवाई गई। ताकि उन स्टूडेंट्स को दूसरे कॉलेजों में एडमिशन दिया जा सके।
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ने 12 जून 2017 से 28 अगस्त 2017 तक इसके लिए तीन बार काउंसिलिंग मीटिंग की, लेकिन देशभगत डेंटल कॉलेज को इसमें हिस्सा लेने की इजाजत नहीं दी गई। इस कारण देशभगत यूनिवर्सिटी को बड़ा नुकसान हुआ। वहीं बाबा फरीद यूनिवर्सिटी की ओर से यह केस चंडीगढ़ जिला अदालत में न चलाकर फरीदकोट की जिला अदालत में ट्रांसफर को लेकर अर्जी डाली गई है। इस पर अदालत ने फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया है। अब मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी।