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महीनों तक फाइल दबाकर बैठने वाले बाबुओं पर अब रहेगी अफसरों की नजर Chandigarh News

असिस्टेंट एस्टेट ऑफिसर मनीष कुमार लोहान ने बताया कि नया सॉफ्टवेयर एनआइसी द्वारा डेवलप किया जाएगा। जब सभी प्रॉपर्टीज की फाइल रिकॉर्ड को ऑनलाइन कर दिया जाएगा।

By Edited By: Published: Sun, 02 Feb 2020 09:21 PM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 12:56 PM (IST)
महीनों तक फाइल दबाकर बैठने वाले बाबुओं पर अब रहेगी अफसरों की नजर Chandigarh News
महीनों तक फाइल दबाकर बैठने वाले बाबुओं पर अब रहेगी अफसरों की नजर Chandigarh News

चंडीगढ़ [विशाल पाठक]। एस्टेट ऑफिस में अब महीनों तक फाइल दबाकर बैठे रहने वाले बाबुओं पर अफसरों की सीधी नजर रहेगी। पब्लिक डीलिंग से जुड़े कामों में देरी करने वाले ऐसे बाबुओं पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए एस्टेट ऑफिसर मंदीप सिंह बराड़ ने एस्टेट ऑफिस के सभी फाइलों का रिकॉर्ड ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में प्रस्ताव बनाकर मंजूरी के लिए प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को भेज दिया गया है। एईओ मनीष कुमार लोहान ने बताया कि एस्टेट ऑफिस की प्रॉपर्टी से जुड़ी सभी फाइलों को ऑनलाइन किया जाएगा।

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ऐसे काम करेगा सॉफ्टवेयर

असिस्टेंट एस्टेट ऑफिसर मनीष कुमार लोहान ने बताया कि नया सॉफ्टवेयर एनआइसी द्वारा डेवलप किया जाएगा। जब सभी प्रॉपर्टीज की फाइल रिकॉर्ड को ऑनलाइन कर दिया जाएगा। तब किसी भी फाइल पर अप्रूवल, ऑब्जेक्शंस या कमेंट के लिए फाइल ज्यादा दिन तक बाबू अपने पास नहीं रख सकेंगे। अगर तय समय के अंदर एस्टेट ऑफिस के कर्मचारी पब्लिक डीलिंग से जुड़ी फाइलों को डील नहीं करते हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।

फाइलों के ऑनलाइन होने से यह होगा फायदा

फाइलों के सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन हो जाने से किसी भी फाइल पर अफसर फौरन अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर लॉगइन और पासवर्ड डालकर फाइल का करंट स्टेटस देख सकेंगे। एस्टेट ऑफिस में अभी जो प्रॉपर्टी की फाइलों का रिकॉर्ड है। वह मैनुअल तरीके पर चल रहा है। ऐसे में 11 फाइलों पर डीलिंग के लिए तीन से चार महीने का समय लग जाता है। क्योंकि प्रॉपर्टी की एक फाइल पब्लिक डी¨लग के दौरान तीन से चार अफसरों के पास जाती है। ऐसे में हर अफसर अपनी ओर से फाइल पर ऑब्जेक्शंस, कमेंट्स और स्टेटस पूछते हैं। फाइलों के ऑनलाइन हो जाने से अफसर तुरंत अपने लैपटॉप या कंप्यूटर पर फाइल को देख सकेंगे और इस पर अपने हिसाब से जो भी कमेंट्स या फिर ऑब्जेक्शंस लगाने हैं, लगाकर फाइल को आगे फॉरवर्ड कर देंगे।

एस्टेट ऑफिस की 45 हजार प्रॉपर्टीज का रिकॉर्ड होगा ऑनलाइन

असिस्टेंट एस्टेट ऑफिसर मनीष कुमार लोहान ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत एस्टेट ऑफिस की 45 हजार प्रॉपर्टीज की फाइलों का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जाएगा। ताकि इन प्रॉपर्टी में चल रहे बिल्डिंग वॉयलेशन या फिर सेल और परचेज से जुड़ी प्रक्रियाओं पर चल रही विभागीय कार्रवाई में देरी न हो। साथ ही कई बार फाइल इधर-उधर हो जाने के कारण प्रॉपर्टी का करंट स्टेटस नहीं पता लगता है। ऐसे में एस्टेट ऑफिस की सभी प्रॉपर्टीज का रिकॉर्ड ऑनलाइन हो जाने से यह समस्या खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही फाइलों पर समय पर काम हो सकेगा।

सब रजिस्ट्रार ऑफिस को किया जाएगा लिंक

इस सॉफ्टवेयर के साथ सब रजिस्ट्रार ऑफिस को लिंक किया जाएगा। ताकि एस्टेट ऑफिस की कुल 45 हजार प्रॉपर्टीज में से कोई भी दोबारा बिकती या खरीदी जाती है तो रजिस्ट्री कराते समय इसका रिकॉर्ड भी ऑनलाइन फाइलों में दर्ज हो सके।

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