चंडीगढ़ में कई सालों से एक्सटेंशन पर चल रहे अधिकारियों की होगी छुट्टी
चंडीगढ़ में एक्सटेंशन पर कार्य कर रहे अन्य राज्यों के अधिकारियों को अब अपने मूल कैडर में वापस जाना होगा। यूटी प्रशासक बीपी सिंह बदनौर ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है।
चंडीगढ़, [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। चंडीगढ़ प्रशासन में डेपुटेशन पर कार्यरत पंजाब,हरियाणा के अधिकारियों की एक्सटेंशन को लेकर यूटी प्रशासक वीपी सिंह बदनौर का कड़ा रुख है। अब डेपुटेशन पर यूटी में आने वाले अधिकारियों को दो या तीन बार एक्सटेंशन नहीं मिलेगी। प्रशासक एक्सटेंशन देने से पहले संबंधित अधिकारियों के कामकाज का पूरा रिपोर्ट कार्ड चेक करेंगे। साथ ही प्रशासन में अब केंद्र सरकार के नियमों के तहत ही एक्सटेंशन दी जाएगी।
एक या दो बार पहले से एक्सटेंशन पर चल रहे अधिकारियों को वापस जाना होगा मूल कैडर में
अभी तक आइएएस और आइपीएस मामलों को छोड़ हरियाणा और पंजाब कैडर के मामले में प्रशासक अपने स्तर पर भी एक्सटेंशन को बढ़ा सकते थे, लेकिन अब सभी अधिकारियों को मनमाने ढंग से एक्सटेंशन नहीं मिल सकेगी। प्रशासक ने एक्सटेंशन के कुछ मामलों से जुड़ी फाइल में साफ तौर पर लिखा है कि संबंधित अधिकारी को तय सीमा के बाद किसी भी सूरत में एक्सटेंशन नहीं दी जाए। ऐसे में कई सालों से यूटी प्रशासन में जमे अधिकारियों का होम कैडर जाना तय है।
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पांच साल से अधिक समय से जमे अधिकारियों को आगे नहीं मिलेगी एक्सटेंशन
नियमों के तहत किसी भी अधिकारी को तीन साल तक यूटी में डेपुटेशन की अनुमति है। विशेष परिस्थितियों में ही उसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, यूटी प्रशासन में डेपुटेशन पर आए पीसीएस अधिकारी रुबिंदरजीत सिंह बराड़, नवजोत कौर और अमित तलवार की एक्सटेंशन से जुड़ी फाइल को प्रशासक ने मंजूर कर दिया है। इन अधिकारियों को भी सिर्फ एक बार एक्सटेंशन मिलेगी। कुछ ओर अधिकारियों की एक्सटेंशन फाइल अभी मंजूरी के लिए लटकी हुई है।
आइएएस-आइपीएस की तीन साल में वापसी
चंडीगढ़ में केंद्र या पंजाब और हरियाणा से डेपुटेशन पर आने वाले आइएएस और आइपीएस अधिकारियों का डेपुटेशन पीरियड तीन साल तय है। इस मामले में पूर्व एडवाइजर विजय देव के समय में केंद्र सरकार ने गाइडलाइंस भेजी थी। केंद्र सरकार से किसी खास मामलों में निर्देश आने पर ही अधिकारियों को रोका जा सकता है। चंडीगढ़ के पूर्व गृह सचिव अनुराग अग्रवाल को ही प्रशासन के विशेष आग्रह पर केंद्र सरकार से विशेष अनुमति के बाद दो महीने की एक्सटेंशन मिली थी।
इस साल आइएएस अफसरों की होगी विदाई
यूटी प्रशासन में कार्यरत कुछ आइएएस अधिकारियों की विदाई होगी। मौजूदा डीसी अजीत बालाजी जोशी और यूटी कैडर के आइएएस जितेंद्र यादव का भी इस साल के अंत तक कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। हाल ही में आईएफएस अधिकारी सतोष कुमार का करीब दस साल के बाद यूटी से ट्रांसफर किया गया है।
प्रशासक का क्लीयर नोट, नहीं मिलेगी एक्सटेंशन
एस्टेट ऑफिस में कार्यरत हरियाणा सिविल सर्विसेज अधिकारी तहसीलदार अमरिंदर सिंह का 31 जुलाई को एक्सटेंशन का समय खत्म हो रहा है। सूत्रों के अनुसार इसी साल मार्च में यूटी प्रशासक ने अमरिंदर सिंह को 31 जुलाई तक अंतिम एक्सटेंशन दी है। साथ ही प्रशासक ने संबंधित विभाग को लिखा गया कि किसी भी हालात में अमङ्क्षरदर सिंह की एक्सटेंशन को नहीं बढ़ाया जाएगा।
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करीब सात सालों से यूटी प्रशासन में डेपुटेशन पर कार्यरत अमरिंदर सिंह की अब हरियाणा में वापसी तय मानी जा रही है। उधर पीसीएस अधिकारी राजीव गुप्ता का भी अब एक्सटेंशन पीरियड खत्म होने जा रहा है। प्रशासक ने उन्हें भी अंतिम एक्सटेंशन दी है।
डेपुटेशन शिक्षकों की भी सात साल में वापसी
डेपुटेशन मामले में प्रशासक ने सभी विभागों के लिए पालिसी बनाने को कहा है। यूटी प्रशासन ने चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा से डेपुटेशन पर आए 500 से अधिक शिक्षकों के लिए भी डेपुटेशन पीरियड तय करने की तैयारी शुरू कर दी है। नई पॉलिसी के तहत शिक्षकों का डेपुटेशन समय सात साल से अधिक नहीं होगा। डेपुटेशन मामले को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। सरकारी स्कूलों में 15 से 20 सालों से टीचर्स डेपुटेशन पर जमे हुए हैं। इस मामले की फाइल भी प्रशासक के पास पेंडिंग है।
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