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Helpline: सिर्फ एक कॉल से मां और बच्चे की सेहत से जुड़ी समस्या का होगा समाधान Chandigarh News

सुबह नौ से शाम पांच बजे तक डिपार्टमेंट द्वारा जारी पोषण हेल्पलाइन 1800-1800-2244 पर सुबह नौ से शाम पांच बजे तक कॉल की जा सकती है।

By Edited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 12:10 AM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 10:44 AM (IST)
Helpline: सिर्फ एक कॉल से मां और बच्चे की सेहत से जुड़ी समस्या का होगा समाधान Chandigarh News
Helpline: सिर्फ एक कॉल से मां और बच्चे की सेहत से जुड़ी समस्या का होगा समाधान Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। क्या आपको प्रेग्नेंसी के दौरान खानपान संबंधी जानकारी नहीं है? क्या आप अपने बच्चे की देखभाल व आहार संबंधी बातों को लेकर चिंतित रहती हैं? तो ये सारी फिक्र अब छोड़ दीजिए। मां और बच्चे की सेहत से जुड़ी इस तरह की सभी समस्याओं का समाधान अब एक कॉल पर मिलेगा। इसके लिए सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट ने पोषण माह के अंतर्गत पोषण हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।

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इस हेल्पलाइन पर कॉल कर मां, बच्चे के साथ ही किशोरावस्था से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया जा सकता है। सुबह नौ से शाम पांच बजे तक डिपार्टमेंट द्वारा जारी पोषण हेल्पलाइन 1800-1800-2244 पर सुबह नौ से शाम पांच बजे तक कॉल की जा सकती है। इस नंबर पर आने वाली कॉल को अटेंड करने के लिए काउंसलर की ड्यूटी लगाई गई है। वे आने वाले कॉल को संबंधित क्षेत्र की आंगनबाड़ी को रेफर करती हैं। संबंधित आंगनबाड़ी उन्हें कॉल बैक कर उनकी समस्या पूछती है और उसका समाधान बताती है। इस दौरान विशेष रूप से प्रेग्नेंट महिलाओं को समय-समय पर लगने वाले वैक्सीन, विभिन्न जांच, पोषक तत्व युक्त आहार और रहन-सहन संबंधी जानकारी दी जा रही है।

इसके अलावा डिलीवरी के बाद मां और बच्चे के लिए बरती जाने वाली सावधानी भी मुहैया कराई जा रही है। बच्चे को मां का दूध देने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। जिससे मां और बच्चे दोनों की सेहत खराब न हो और कुपोषण जैसी स्थिति उत्पन्न न हो। इसके जरिये प्रेग्नेंट महिला स्वास्थ्य सुविधाओं को लेने के लिए आंगनबाड़ी का होम विजिट भी बुक करवा सकती हैं।

एडोलेसेंट पर भी विशेष ध्यान

इस हेल्पलाइन के जरिये किशोरावस्था से जुड़ी समस्याओं और भ्रमों को दूर करने का भी प्रयास हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस उम्र में होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलाव को ठीक तरीके से न समझने पर लड़कियां तनावग्रस्त रहने लगती हैं। जबकि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। इसलिए उन्हें इससे जुड़ी जानकारी मुहैया कराने की व्यवस्था की गई है।

पोषण हेल्पलाइन के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के साथ ही एडोलेसेंट की हेल्थ संबंधी समस्याओं का समाधान उपलब्ध कराने का प्रयास किया गया है। इस पर एक दिन में 20 से 25 कॉल आ रहे हैं।

-बीएल शर्मा, सेक्रेटरी, सोशल वेलफेयर।

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