सीनेट चुनाव को लेकर पीयू में राजनीति गर्म, NSUI ने कुलपति के घर के बाहर किया जोरदार प्रदर्शन
पूयी में सीनेट चुनाव कराने को लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ने लगी है। चुनाव जल्द कराने की मांग को लेकर शनिवार को NSUI ने कुलपति प्रो. राजकुमार के घर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। पीयू में सीनेट का कार्यकाल खत्म होने के बावजूद चुनावों को लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया।
चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। पंजाब विश्वविद्यालय में सीनेट चुनाव न होने का मुद्दा अब राजनीतिक रंग लेता नजर आ रहा है। सीनेट चुनाव आयोजित करने को लेकर शनिवार को कैंपस का माहौल गर्म रहा। छात्र संगठन एनएसयूआई ने कुलपति प्रो. प्रोफेसर राजकुमार के घर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।
इस दौरान एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कहा कि वह कैंपस में लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे। सीनेट पिछले 64 सालों से पंजाब यूनिवर्सिटी का अभिन्न अंग रहा है। इसके साथ ही सीनेट एक लोकतांत्रिक बॉडी है जिसको खत्म करना संविधान का हनन है। सीनेट ही कैंपस में सारा ताना-बाना बुनती है और अगर सी नेट ही खत्म कर दी जाएगी तो कैंपस की बागडोर सिर्फ एक हाथ में आ जाएगी जिससे कैंपस को नुकसान होगा।
पंजाब यूनिवर्सिटी छात्र काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट राहुल कुमार ने कहा कि जब तक एनएसयूआई है तब तक कैंपस में तुगलकी फरमान नहीं चलेगा। सीनेट में कैंपस के प्रोफेसर्स के अलावा कहीं राजनीति से संबंधित लोग भी हैं। जिस वजह से सीनेट चुनाव न होने का मुद्दा पूरी तरह से राजनीतिक हो गया है।
सीनियर खत्म करना भाजपा की साजिश
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कैंपस में सीनियर को खत्म करने के पीछे भाजपा की साजिश है। पीयू कुलपति प्रो. राजकुमार संघ से संबंध रखते हैं इस वजह से भाजपा को कैंपस में अपनी मनमानी चलाने का मौका मिल रहा है। लेकिन एनएसयूआई छात्र संगठन ऐसा नहीं होने देगी और कैंपस में सीनेट को खत्म नहीं करने दिया जाएगा।
सीनेट के ज्यादा सदस्य कांग्रेसी
सीनेट में इस समय कांग्रेस का पूरा दबदबा है। ज्यादातर सीनेटर कांग्रेस पार्टी से समर्थित हैं। सीनेट में गोयल ग्रुप का पूरा दबदबा है और इस ग्रुप को कॉन्ग्रेस का समर्थन हासिल है। जिस वजह से सीनेट चुनाव आयोजन को लेकर कैंपस में जबरदस्त बवाल मचा हुआ है।
बोर्ड ऑफ गवर्नेंस को बताया भाजपा का दल
चंडीगढ़ एनएसयूआई मीडिया प्रभारी मनोज लुबाना ने कहा कि कैंपस में बोर्ड ऑफ गवर्नेंस लागू करने की बात की जा रही है। बोर्ड ऑफ गवर्नेंस केवल भाजपा का ही एक दल है जिसे कैंपस में लागू नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए एनएसयूआई दिल्ली तक प्रोटेस्ट करेगी।
कैंपस की लड़ाई में कूदे कांग्रेसी नेता
सीनेट चुनाव ना होना वैसे तो कैंपस का अंदरूनी मामला है लेकिन इसे राजनीतिक रंग दे दिया गया है। कुलपति के घर के बाहर जहां एक और छात्र संगठन एनएसयूआई ने प्रदर्शन किया वहीं चंडीगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा और महिला कांग्रेस अध्यक्ष दीपा अधीर दुबे भी प्रदर्शन में पहुंचे। इसके साथ ही सीनेट चुनाव का मुद्दा इस समय आगामी चुनाव के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है।
पुटा और पूर्व सीनेट सदस्य भी हुए शामिल
प्रदर्शन में छात्र संगठन एनएसयूआई, कांग्रेसी नेताओं के अलावा पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन और पूर्व सीनेट सदस्य भी पहुंचे। हालांकि प्रदर्शन केवल एनएसयूआई नहीं दिया लेकिन पूर्व सीनेट सदस्यों ने यहां पहुंच कर प्रदर्शन में उनका साथ दिया।