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कर्ज माफी की घोषणा से किसानों ने रोकी किश्त, बैंकों का एनपीए पहुंचा 5731 करोड़

पंजाब सरकार की कर्ज माफी की घोषणा के बाद किसानों ने लोन की किश्तें भरनी बंद कर दी हैं। इसके कारण बैंकों का एनपीए 5731 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 10 Aug 2017 08:09 PM (IST)Updated: Thu, 10 Aug 2017 08:10 PM (IST)
कर्ज माफी की घोषणा से किसानों ने रोकी किश्त, बैंकों का एनपीए पहुंचा 5731 करोड़
कर्ज माफी की घोषणा से किसानों ने रोकी किश्त, बैंकों का एनपीए पहुंचा 5731 करोड़

जेएनएन, चंडीगढ़। कांग्रेस सरकार के किसानों के कर्ज माफी की घोषणा के साथ ही बैंकों में एनपीए (नॉन परमार्मिंग एसेट) की संख्या बढ़ने लगी है। 30 जून तक 1.29 लाख किसानों के अकाउंट एनपीए हो गए थे, जिसकी वेल्यू 5731 करोड़ रुपये बनती है। पंजाब सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने को लेकर बैंकों की चिंता बढ़ती जा रही है।

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पंजाब स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की बैठक में वीरवार को वित्त विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अनिरुद्ध तिवारी के समक्ष भी यह मुद्दा उठा। बैंक अधिकारियों ने कहा कि विधानसभा में कर्ज माफी की घोषणा के बाद पहले तिमाही में एनपीए 2.42 फीसदी तक पहुंच गया है, क्योंकि किसानों ने कर्ज की अदायगी रोक दी है। महत्वपूर्ण बात यह है कि बैंकर्स की चिंता है कि अगर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई तो कृषि एनपीए कहीं 7.06 से बढ़कर 10 फीसदी तक न पहुंच जाए।

खतरनाक है स्थिति

एसएलबीसी ने इसे बैंकों के लिए खतरनाक स्थिति बताया है। राज्य सरकार ने अगर कोई कदम नहीं उठाया तो बैंकों के लिए हालात बहुत खराब हो जाएंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य सरकार की ओर से बैंकों को कोई स्पष्ट दिशानिर्देश भी नहीं दिए जा रहे हैं। एसएलबीसी के अनुसार, 30 जुलाई, 2017 तक सूबे के बैंकों द्वारा कुल 236463 करोड़ रुपये कृषि कर्ज के रूप में दिए जा चुके हैं, जिसमें से 3028672 खाताधारकों पर 81175 करोड़ रुपये कर्ज बकाया है। वहीं 129810 खाताधारकों के कर्ज नहीं चुकाने के कारण बैंकों का 5731 करोड़ रुपये एनपीए के तहत आ गया है।

जल्द ही नोटीफाई होगी योजना

बैंकों की चिंता पर अनिरुद्ध तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले को जल्द से जल्द हल करने के लिए प्रयासरत है। सरकार ने अभी इस योजना को नोटीफाई नहीं किया है। एक बार नोटीफाई होने के बाद काफी कुछ स्पष्ट हो जाएगा।

प्राइवेट व ग्रामीण बैंकों ने तय सीमा से अधिक लोन बांटे

एसएलबीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि किसानों को उनकी जरूरतों के लिए कर्ज जारी करने में किसी भी बैंक ने कोताही नहीं बरती। आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीयकृत बैंकों ने कृषि क्षेत्र के लिए निर्धारित 15952 करोड़ रुपये की लक्षित राशि में से 12313 करोड़ रुपये कर्ज के रूप में बांटे। जबकि प्राइवेट बैंकों ने तो 4008 करोड़ रुपये की लक्षित राशि से आगे निकलकर 4157 करोड़ रुपये कर्ज के तौर पर दे दिए।

कुछ ऐसा ही ग्रामीण बैंकों- मालवा ग्रामीण बैंक, पंजाब ग्रामीण बैंक और सतलुज ग्रामीण बैंक, दिखाई और कृषि क्षेत्र के लिए तय की गई 1565 करोड़ की राशि से अधिक 2206 करोड़ रुपये लोन के रूप में बांट दिए। इनके अलावा राज्य से सहकारी बैंकों ने 7253 करोड़ की लक्षित राशि में से 4983 करोड़ किसानों को लोन के रूप में दिए।

अगर कर्ज माफ ही करने हों तो पांच मिनट नहीं लगेगा : बादल

श्री मुक्तसर साहिब : राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने किसानों की कर्जमाफी पर कैप्टन सरकार को एक बार फिर घेरा है। बादल ने कहा कि यह सरकार झूठे वादे करके सत्ता में आई है। अगर कर्ज माफ ही करने हों तो पांच मिनट में हो सकते हैं। बादल ने वीरवार शाम को नगर कौंसिल के पूर्व प्रधान मित्त सिंह बराड़ के निवास पत्रकारों के साथ बातचीत कर रहे थे। मुक्तसर नगर कौंसिल का प्रधान बदलने को लेकर मुक्तसर में लोकतंत्र का कत्ल हुआ है। चुने हुए नुमाइंदों को कोटकपूरा में चार घंटे तक थाने में बैठाए रखना, इससे बड़ा और क्या जुल्म हो सकता है।

यह भी पढ़ें: किसानों के कर्ज माफी के लिए बादल सरकार की राह पर कैप्‍टन सरकार


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