अब, पंजाब में होगा फिजियोथैरेपिस्ट का रजिस्ट्रेशन
पंजाब में फिजियोथैरेपिस्टों की भी कौंसिल बनेगी और रजिस्ट्रेशन होगा। पंजाब सरकार इसके लिए राज्य विधानसभा में फिजियोथैरेपिस्ट कौंसिल एक्ट लाएगी। सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस पर अपनी मोहर लगा दी है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : पंजाब में फिजियोथैरेपिस्टों की भी कौंसिल बनेगी और रजिस्ट्रेशन होगा। पंजाब सरकार इसके लिए राज्य विधानसभा में फिजियोथैरेपिस्ट कौंसिल एक्ट लाएगी। सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस पर अपनी मोहर लगा दी है।
चिकित्सा व्यवसाय में डॉक्टर हों या फार्मासिस्ट जब तक अपने कौंसिल में रजिस्ट्रेशन नहीं करवा लेते हैं तब तक उन्हें अधिकृत पहचान नहीं मिलती है। राज्य में फिजियोथैरेपिस्ट का कोर्स तो होता है, लेकिन इसकी कौंसिल नहीं थी। इसकी वजह से उन्हें अभी अधिकृत पहचान नहीं मिल पा रही है।
अहम बात यह है कि भले ही हर सरकारी अस्पताल में फिजियोथैरेपिस्ट हों, लेकिन कौंसिल न होने के कारण वे अस्थायी रूप से ही काम करते थे। चिकित्सा शिक्षा मंत्री अनिल जोशी ने बताया कि कैबिनेट में इस पर मोहर लग गई है। होशियारपुर स्थित गुरु रविदास आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी (आयुष) के तहत कौंसिल का गठन किया जाएगा। वहीं रिसर्च एंड मेडिकल एजुकेशन विभाग के डायरेक्टर इसके अध्यक्ष होंगे।
छह टेक्निकल कोर्सों की नहीं हैं कौंसिल
वर्तमान में बैचलर ऑफ फिजियोथैरिपी (बीपीटी), मास्टर ऑफ फिजियोथैरिपी (एमपीपी), डिप्लोमा इन मेडिकल लेबोटरी टेक्नीशियन, एक्सरे टेक्नीशियन, स्कैनिंग टेक्नीशियन और ओटी असिस्टेंट की कौंसिल नहीं है।
कौंसिल बनने के बाद महंगी होगी सेवाएं
फिजियोथैरेपी क्षेत्र से जुड़े लोगों की माने तो कौंसिल बनने के बाद उनकी सेवाएं महंगी हो जाएंगी, क्योंकि रजिस्टर्ड होने के बाद सरकार अपने नियमों के अनुरूप सेवाएं चाहेगी, जिससे उनके खर्चें बढ़ेंगे और सेवा भी महंगी होगी।