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स्टूडेंट्स हो जाएं तैयार, 10th और 12th का परिणाम सुधारने के लिए क्लस्टर स्तर पर होंगे एग्जाम

बोर्ड की कक्षाओं को छोड़कर इस साल एग्जाम सेंट्रलाइज नहीं होगा। बल्कि अपनी जरूरत के अनुसार ही क्लस्टर अलग से प्रश्न पत्र सेट करेगा।

By Pankaj DwivediEdited By: Published: Sat, 29 Dec 2018 11:45 AM (IST)Updated: Sat, 29 Dec 2018 11:45 AM (IST)
स्टूडेंट्स हो जाएं तैयार, 10th और 12th का परिणाम सुधारने के लिए क्लस्टर स्तर पर होंगे एग्जाम
स्टूडेंट्स हो जाएं तैयार, 10th और 12th का परिणाम सुधारने के लिए क्लस्टर स्तर पर होंगे एग्जाम

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : बोर्ड की कक्षाओं को छोड़कर इस साल एग्जाम सेंट्रलाइज नहीं होगा। बल्कि अपनी जरूरत के अनुसार ही क्लस्टर अलग से प्रश्न पत्र सेट करेगा। यह पहली बार है जब विभाग की तरफ से ऐसा निर्णय लिया गया है। इससे आने वाले वर्षों में स्टूडेंट्स के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है क्योंकि स्टूडेंट्स का लेवल एक जैसा नहीं होगा।

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सबसे ज्यादा परेशानी वर्ष 2019-20 की दसवीं और बारहवीं कक्षा के स्टूडेंट्स को होगी, क्योंकि इन्हें वार्षिक पेपर बोर्ड से आते हैं। नौंवी और ग्यारहवीं में किसी प्रकार की कमी स्टूडेंट्स में रहती है तो उसे सुधार करने के लिए अगले साल मौका नहीं मिलेगा। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि शहर के 114 सरकारी स्कूलों को 20 क्लस्टर में बांटा गया है। यह क्लस्टर बच्चों की संख्या पर निर्भर करते हैं। एक क्लस्टर में आठ से दस स्कूल होते हैं। जिस समय वार्षिक एग्जाम के लिए प्रश्न पत्र सेट होना है तो सभी क्लस्टर के एक्सपर्ट टीचर वहां पर मौजूद होंगे। उनकी सहमति से प्रश्न पत्र सेट किया जाएगा। वहीं दूसरी क्लस्टर में दूसरे प्रश्नों को भी शामिल किया जा सकता है। ऐसे में पूरी उम्मीद रहती है कि क्लस्टर के टीचर उन्हीं प्रश्न को प्रश्न पत्र में शामिल करेंगे जो कि बच्चों को बेहतर तरीके से आते हैं और जिनसे वार्षिक परिणाम बेहतर होता है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट  

बोर्ड की क्लास में जाने वाले स्टूडेंट्स की तैयारी शुरू से ही बोर्ड के समान होनी अनिवार्य है। बोर्ड की सेटिंग को देखकर कई बार स्टूडेंट्स घबरा जाते हैं। ऐसे में स्कूलों को करीब दो साल पहले से इसकी तैयारी शुुरू कर देनी चाहिए। पहले सेंट्रलाइल एग्जाम होते थे तो उनसे कहीं न कहीं स्टूडेंट्स की कमियों के बारे में पता चलता था। यदि अब एग्जाम के लिए प्रश्न पत्र अलग-अलग होंगे तो निशिचत तौर पर स्टूडेंट्स की कमियोंं का पता नहीं चलेगा और उनमें सुधार करना मुश्किल होगा।

-चंचल सिंह, पूर्व डिप्टी डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन

बोर्ड की क्लासों में करने पड़ सकते हैं भुगतान

पहले ग्रेस मार्क देकर स्टूडेंट्स को नौंवी और ग्यारहवीं में पास कर दिया जाता था। उसका परिणाम इस बाद देखने को मिले कि परिणाम बेहद निम्न स्तर के रहे। इसी प्रकार यदि इस बार क्लस्टर स्तर के एग्जाम हुए तो स्टूडेंट्स को अगली क्लासों में बहुत ज्यादा फर्क पड़ेगा।

-अरविंद राणा, प्रेसिडेंट सर्व शिक्षा अभियान

अभी प्लान है कि कलस्टर स्तर पर प्रश्न पत्र तैयार हों, लेकिन यह अभी फाइनल नहीं है। इसके लिए अभी फाइनल बैठक होना बाकी है।

-अनुजीत कौर, जिला शिक्षा अधिकारी।

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