सोलर प्लाट लगाने के आदेशों पर चंडीगढ़ को नोटिस
97 वर्षीय कर्नल प्रितपाल सिंह गिल ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर की है याचिका।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ में आवासीय व व्यावसायिक भवनों की छतों पर सोलर फोटोवोल्टिक पावर प्लाट को अनिवार्य बनाने के चंडीगढ़ प्रशासन के आदेशों को अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के न्यायिक जाच से गुजरना होगा। 97 वर्षीय कर्नल प्रितपाल सिंह गिल द्वारा इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर जस्टिस महेश ग्रोवर व जस्टिस राजबीर सेहरावत की खंडपीठ ने चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। प्रशासन द्वारा सोलर प्लाट लगाने पर भू-मालिकों की जमीन जब्त करने के आदेशों को धमकाने वाली कार्रवाई बताते हुए कर्नल गिल ने याचिका में कहा कि जिस अधिसूचना के आधार पर चंडीगढ़ प्रशासन लोगों को ऐसी धमकी दे रहा है, वह गैर-कानूनी है। इस संबंध में 18 मई 2016 को चंडीगढ़ के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव द्वारा जारी किए गए आदेशों को खारिज किए जाने की माग करते हुए कर्नल गिल ने कहा है कि चंडीगढ़ के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर को ऐसे आदेश जारी करने के कोई वैधानिक अधिकार नहीं है।
याचिकाकर्ता को सोलर पावर प्लाट लगाने के आदेशों से मानसिक तौर से परेशान बताते हुए एडवोकेट गुप्ता ने अदालत को बताया कि प्रशासन की इस गैरकानूनी और मनमानी कार्रवाई से याचिकाकर्ता जैसे बहुत सारे लोग परेशान हैं। अपनी याचिका में 'कैपिटल ऑफ पंजाब डिवेलपमेंट एंड रेगुलेशन एक्ट 1952' का हवाला देते हुए गुप्ता ने कहा इस एक्ट के अनुभाग 4 के तहत चंडीगढ़ प्रशासन को ऐसी अधिसूचना जारी करने का कोई अधिकार नहीं है और इस एक्ट के प्रावधानों में भवनों के ऊपर सोलर पावर प्लाट लगाने जैसे कोई बात नहीं है।