Move to Jagran APP

पहले की तरह ही डोर टू डाेर कचरा इकट्ठा करेंगे गारबेज कलेक्टर, नहीं लागू होगा नया प्लान

सालिड वेस्टमनेजमेंट रूलस को लागू करने और कचरा सेग्रिगेशन करने के लिए जो नगर निगम कमिश्नर का प्लान था। उस पर गारबेज कलेक्टरों की लाबी हावी रही।

By Sat PaulEdited By: Published: Fri, 21 Dec 2018 01:27 PM (IST)Updated: Fri, 21 Dec 2018 01:27 PM (IST)
पहले की तरह ही डोर टू डाेर कचरा इकट्ठा करेंगे गारबेज कलेक्टर, नहीं लागू होगा नया प्लान
पहले की तरह ही डोर टू डाेर कचरा इकट्ठा करेंगे गारबेज कलेक्टर, नहीं लागू होगा नया प्लान

चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]  सालिड वेस्टमनेजमेंट रूलस को लागू करने और कचरा सेग्रिगेशन करने के लिए जो नगर निगम कमिश्नर का प्लान था। उस पर गारबेज कलेक्टरों की लाबी हावी रही। सदन की 5 घंटे चली बहस के बाद कमिशन की डिटेंल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को डंप कर दिया गया।जिस पर मेयर देवेश मोदगिल भी कुछ नहीं कर पाए। जबकि यह सब कुछ गारबेज कलेक्टरों के समर्थन में टंडन गुट के चार से पांच पार्षदों के दबाव में ऐसा हो पाया है। अंत में यह निर्णय लिया गया कि गारबेज कलेक्टर नगर निगम के कर्मचारी बनकर डोर टू डोर सेग्रिगेशन का काम नहीं करेंगे।शाम 4 से रात 9 बजे की चर्चा के बाद नया प्रपोजल बनाया गया है।जिसके तहत सभी कलेक्टर पहले की तरह डोर टू डाेर कचरा इकट्ठा करते रहेंगे। कलेक्टर इसके लिए खुद ई रिक्शा खरीदेंगे।रिक्शा खरीदने के लिए 31 मार्च तक समय दिया गया है। यह निर्णय लिया गया है कि कलेक्टरों की एक बाडी बनाई जाएगी।जिसके साथ नगर निगम ने एमओयू साइन करेगी।यह एमओयू अगली बैठक में पास होने के लिए आएगा।

loksabha election banner

मालूम हो कि पिछले माह से टंडन गुट के पार्षद गारबेज कलेक्टरों के दबाव में कमिशनर की डिटेंल प्रोजेक्ट को लटका रहे थे। ऐसे में अब सूखा और गीला कचरा सेग्रिगेशन होने का सिस्टम अब 31 मार्च के बाद शुरू होगा क्योंकि अभी कलेक्टरों को ई रिक्शा खरीदने का समय दिया गया है। यह फैसला भी लिया गया है कि शहर में तीन ट्रांसपोर्ट सेंटर बनाए जाएंगे, जहां पर कलेक्टर घरों से सूखा और गीला कचरा ई रिक्शा पर लेकर आएंगे। जहां से नगर निगम ने गारबेज प्लांट प्रोसेस के लिए लेकर जाएगा।

एमओयू में गारबेज इकट्ठा करने का समय तय किया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया है कि लोगों के एक टोल फ्री नंबर शुरू किया जाएगा, जहां पर अगर कोई कलेक्टर नहीं आता है तो उसकी शिकायत की जाएगी। कलेक्टर पर कार्रवाई का प्रावाधान भी रखा जाएगा। कलेक्टरों की बनाई जाने वाली बाडी की जवाबदेही तय की जाएगी।जहां पर इस समय कचरा इकट्ठा नहीं हो रहा है वहां पर नगर निगम करेगा।यहां तक नगर निगम ने यह बात भी मान ली है कि सूखा कचरे को बेचकर होने वाली कमाई गारबेज कलेक्टरों को दी जाएगी, जो लोगों से हर माह कलेक्शन चार्ज लिया जाएगा, वह भी कलेक्टरों को दिया जाएगा।

खेर और टंडन गुट कई बार भिड़े

गारबेज कलेक्टरों को नगर निगम के तहत रखकर सेग्रिगेशन करवाने या न करवाने के मुद्दे पर टंडन और सांसद किरण खेर के पार्षद कई बार आप में भिड़े।भाजपा पार्षद राजेश कालिया और पूर्व मेयर अरुण सूद शुरू से ही पुराना सिस्टम चालू रहते हुए सेग्रिगेशन करवाने की वकालत करते रहे।जिस पर मेयर अरुण सूद, कमिश्नर केके यादव और अतिरिक्त कमिश्नर की भी पूर्व मेयर अरुण अरुण सूद सहित टंडन गुट के पार्षदों के साथ भी बहस हुई। अतिरिक्त कमिश्नर सौरभ मिश्रा ने एनजीटी द्वारा जुर्माना लगने की भी चेतावनी दी। भाजपा पार्षद कवरजीत राणा और राजेश कालिया ने एक दूसरे को अंगुली तक दिखाई।कमिश्नर ने कालिया को कहा कि अगर गारबेज कलेक्टरों को पहले की तरह छोड़ दिया जाता है, तो उन प्रशासिनक कंट्रोल क्या होगा। अगर कोई कर्मचारी गैर हाजिर होता है, तो रेजिडेंट्स किसको शिकायत करेगा।सदन में पूर्व मेयर अरुण सूद ने हाथ जोड़कर अपील भी की कि गारबेज कलेक्टरों के पास ही डोर टू डोर गारबेज इकट्ठा करने का सिस्टम रहने दिया जाए। जबकि सूखा और गीला कचरा वह कलेक्टर इकट्ठा करने के लिए तैयार है।

एक लाख लोगों के हस्ताक्षर करवा कर लाए कालिया

सदन की बैठक में भाजपा पार्षद राजेश कालिया कुछ फार्म लेकर आए। जिसमे कालिया ने दावा किया कि इसमे डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन का पुरान सिस्टम चालू रहे, इस पर एक लाख लोगों ने हस्ताक्षर करके दिए हैं। उन्होंने कमिश्नर को यह फार्म भी दिखाए। जबकि सांसद खेर गुट के पार्षदों ने कहा कि उनके एरिया में किसी भी निवासी ने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। वहीं सुबह से लेकर शाम तक गारबेज कलेक्टर नगर निगम के बाहर धरने पर बैठे रहे। वीरवार को हुई सदन की बैठक मेयर देवेश मोदिगल के कार्यकाल की अंतिम बैठक रही।

रात 10 तक जारी रही बैठक

वीरवार को ऐसा पहली बार हुआ जब बैठक रात 10 बजे तक जारी रही। यह मेयर देवेश माेदगिल के कार्यकाल की अंतिम बैठक थी।जिसमे 35 अलग अलग प्रस्तावों पर चर्चा की गई। अंतिम बैठक प्रशासन द्वारा हाल ही में 13 गांव नगर निगम में शामिल करने का रहा।जिस पर पार्षदों ने कहा कि प्रशासन से इसके बदले में फंड भी मांग जाए।  

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.