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रिक्रूटमेंट रूल नहीं होने से अटकी आइटीआइ प्रिंसिपल की भर्ती

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ सेक्टर-28 के आइटीआइ में दो साल से प्रिंसिपल का पद खाली चल रहा है

By Edited By: Published: Sat, 17 Mar 2018 02:58 AM (IST)Updated: Sat, 17 Mar 2018 11:00 AM (IST)
रिक्रूटमेंट रूल नहीं होने से अटकी आइटीआइ प्रिंसिपल की भर्ती
रिक्रूटमेंट रूल नहीं होने से अटकी आइटीआइ प्रिंसिपल की भर्ती
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ सेक्टर-28 के आइटीआइ में दो साल से प्रिंसिपल का पद खाली चल रहा है। बिना प्रिंसिपल के जहां स्टूडेंट्स परेशान हो रहे हैं, वहीं पर संस्थान की रैकिंग पर भी फर्क पड़ रहा है। खास बात यह है 1970 में बनी आइटीआइ के लिए 48 साल बाद भी चंडीगढ़ प्रशासन के पास रिक्रूटमेंट रूल्स नहीं हैं, जिसके चलते मई 2016 से प्रिंसिपल का पद खाली चल रहा है। प्रिंसिपल न होने के चलते पोलीटेक्नीकल सेक्टर-26 के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर एंड टेक्नोलॉजी के एचओडी एमएल राणा को आइटीआइ का अतिरिक्त प्रिंसिपल का चार्ज दिया गया है। उन्हें प्रिंसिपल का कार्य करने के लिए आइटीआइ सेक्टर-28 व लेक्चर देने के देने के लिए सेक्टर-26 में जाना पड़ रहा है। वर्तमान में संस्थान में 21 ट्रेड से संबंधित 35 कक्षाओं में 785 स्टूडेंट्स स्किल ट्रेनिंग ले रहे हैं। इंस्ट्रक्टर के पद भी खाली आइटीआइ में प्रिंसिपल के अलावा इंस्ट्रक्टर के भी कई पद खाली चल रहे हैं। संस्थान में कुल 51 इंस्ट्रक्टर के पद स्वीकृत हैं, लेकिन कार्यरत इंस्ट्रक्टर केवल 37 हैं। इनमें से दस पद कांट्रेक्ट के तहत भरे गए हैं। रैकिंग में पड़ता है सीधा फर्क प्रिंसिपल नहीं होने से आइटीआइ की रैकिंग पर असर पड़ता है। जानकारी के अनुसार विश्व स्तर पर आइटीआइ की रैकिंग में पांच नंबर प्रिंसिपल सीट भरने के होते हैं। यदि रैकिंग होती है तो प्रिंसिपल के अभाव में संस्थान के पांच नंबर काट लिए जाते हैं। प्रिंसिपल की सीट हो सकती है लैप्स प्रिंसिपल का पद लंबे समय तक खाली रहा तो यह पद लैप्स भी हो सकता है। ऐसे में यदि एक बार सीट लैप्स होती है तो दोबारा प्रिंसिपल नियुक्त करने में बहुत मुश्किल होगी। स्टूडेंट्स को भी उठानी पड़ती है परेशानी प्रिंसिपल नहीं होने से ज्यादा परेशानी स्टूडेंट्स को उठानी पड़ रही है। फीस, शिक्षा या फिर कोई अन्य मसला होता है तो काम अटक जाता है। प्रिंसिपल नहीं होने पर संस्थान की कई शक्तियों जैसे कि फंड का इस्तेमाल या नया निर्माण आदि की पावर खत्म हो जाती है। कोट- चंडीगढ़ प्रशासन के पास भर्ती प्रक्रिया के नियम नहीं है। ऐसे में प्रिंसिपल की नियुक्ति यूपीएस द्वारा ही की जाएगी। इससे पहले हमारे पास कोई पावर नहीं है कि पद को भरा जा सके। आरएस बराड़, सेक्रेटरी टेक्नीकल एजुकेशन

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