ऑनलाइन माध्यम से लोगों तक पहुंच रहे कलाकार, मूर्तियों से लेकर पेंटिंग को किया जा रहा पसंद
कलाकारों की कला को लोगों तक पहुंचाने के लिए उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला (संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार) ने अनोखी पहल की हुई है।
चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। कोरोना वायरस ने हर वर्ग हर व्यापार को नुकसान पहुंचाया है। अनलॉक 4 के दौरान अभी भी कई व्यापार और चीजें ऐसी है जिनको खोला नहीं गया है। अगर कुछेक खुले है तो वहां पर लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगी है। इनमें से एक है रंगमंच और कला से जुड़े कलाकार।
इन कलाकारों की कला को लोगों तक पहुंचाने के लिए उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार) ने अनोखी पहल की हुई है। एनजेडसीसी द्वारा ऑनलाइन कला महोत्सव - नई उम्मीद, नई पहल शुरू किया जा रहा है। देश के विभिन्न हिस्सों के कलाकारों को अधिक दर्शकों तक पहुंचने और कोरोना महामारी के समय में वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए एक मंच दिया जा रहा है। इसमें छठवें दिन पेंटिंग और मूर्तियां को लोगों तक पहुंचाया गया।
महोत्सव में दोपहर दो बजे से हर रोज पांच चित्रकार और मूर्तिकारलाइव कार्यों का विशिष्ट विषयों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। चित्रकार परवीन और संजय कुमार हिमाचल प्रदेश से, नागेश मारुति और महाराष्ट्र से प्रसाद मिस्त्री, पंजाब से कादंबरी और सरबजीत, दो बैच बैच में भगवान कृष्ण को ज्यादातर ऐक्रेलिक रंगों में चित्रित कर रहे हैं। मूर्तिकार विशाल, राजेंद्र, जगदीप और शंकर ने अपनी मूर्तियां (लकड़ी के प्रतिष्ठान) बनाने का लाइव प्रदर्शन दिया।
कश्मीरी लोक नृत्य लोगों का जीत रहा दिल
स्नोबार फोक थिएटर, गुलगाम, कुपवाड़ा के कलाकारों ने पारंपरिक भांड पाथेर शैली में नाटक लुक पाथेर को प्रस्तुत किया। फैयाज अहमद भगत और समूह के कलाकारों ने आधुनिक युग की कहानी को चित्रित किया, जहां युवा अपने माता-पिता और परिवार पर अपने दोस्तों और प्रौद्योगिकी पर विचार करते हैं। पंद्रह कलाकारों ने शहनाई, ढोल, नगाड़ा और हारमोनियम बजाते हुए शानदार प्रस्तुति दी।
भक्ति आंदोलन के कवियों पर साहित्य
श्रृंखला के भाग के रूप में, पालमपुर के लेखक और कवि विजय कुमार पुरी ने संत गुरु नानक के जीवन और कार्यों के बारे में बताया। नानक ने एक संत के रूप में लंबी यात्रा की और उनकी यात्रा को उदासीयां नाम दिया गया। वहीं पुरी ने हिंदी में कविताए लिखी हैं और पहचान के नाम से एक संग्रह जारी किया है।
ऑनलाइन कथक कक्षाओं से लोग सीख रहे कथक
जयपुर घराना के कथक गुरु शोभा कोसर ने नृत्य सीखने वालों और महत्वाकांक्षी नर्तकों को नृत्य का प्राथमिक पाठ पढ़ाया। हर दिन वह पैरों के काम, हाथों की हरकतों, कवित और ताड़ा को शामिल करती थीं और संगीतकारों के साथ लाइव प्रदर्शन करती थीं।