मेयर चुनावः जीत नहीं, क्रॉस वोटिंग रोकना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती Chandigarh News
बगावत रोकने के लिए ही भाजपा ने इस बार सबसे ज्यादा पार्षदों द्वारा बताई गई पंसद के आधार पर ही राजबाला मलिक को मेयर का उम्मीदवार बनाया है।
चंडीगढ़ [राजेश ढल्ल]। नगर निगम के मेयर चुनाव के लिए बहुमत से ज्यादा मतों का आंकड़ा होने के बावजूद भाजपा को क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है। क्योंकि इस बार क्रॉस वोटिंग होने पर भाजपा की काफी किरकिरी होगी। जबकि कांग्रेस भाजपा की गुटबाजी के कारण ही मैदान में डटी हुई है। कांग्रेस अपने पार्षदों की संख्या से ज्यादा वोट हासिल करने में ही अपनी जीत मान रही है। बगावत रोकने के लिए ही भाजपा ने इस बार सबसे ज्यादा पार्षदों द्वारा बताई गई पंसद के आधार पर ही राजबाला मलिक को मेयर का उम्मीदवार बनाया है। पिछले मेयर चुनाव में भाजपा के करीब सात पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की थी।
साल 2015 में क्रॉस वोटिंग का शिकार मेयर चुनाव में हीरा नेगी हुई और हार गई। इसके बाद फिर से 2017 में क्रॉस वोटिंग करते हुए भाजपा के अपने पार्षदों ने हीरा नेगी को वित्त एवं अनुबंध कमेटी के चुनाव में ही हरा दिया था। ऐसे में भाजपा इस बार जीत से ज्यादा क्रॉस वोटिंग रोकने का प्रयास कर रही है। क्योंकि भाजपा नेताओं को लगता है कि उनके उम्मीदवार की जीत तय है लेकिन क्रॉस वोटिंग रोक कर वह इस बार एकजुटता का मैसेज हाईकमान को दे। पार्टी प्रभारी प्रभात झा ने स्थानीय नेताओं को स्पष्ट कर दिया है कि इस बार क्रॉस वोटिंग नहीं होनी चाहिए। ऐसा होने पर क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्षदों की पहचान करके उन पर कार्रवाई की जाएगी।
चंद्रवती शुक्ला ने जताई थी नाराजगी
सोमवार को जब भाजपा ने मेयर सहित सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के उम्मीदवार घोषित किए। उसके बाद पार्षद चंद्रवती शुक्ला ने नाराजगी जाहिर कर दी थी। ऐसे में अब भाजपा को क्रॉस वोटिंग का ज्यादा डर सताने लग गया है। भाजपा के पास सांसद और अकाली दल के एक पार्षद को मिलाकर कुल 22 मत हैं। जबकि जीत के लिए 14 वोटों की जरूरत है। जबकि संगठन मंत्री दिनेश कुमार का दावा है कि इस बार कोई वोट भी क्रॉस नहीं होगा। पार्टी के सभी पार्षद भाजपा उम्मीदवारों को वोट डालेंगे।
जिन पर शक, उन्हें फोटो खींचने के लिए कहा जाएगा
इस समय भाजपा के सीनियर नेता ऐसे पार्षदों की पहचान कर रहे हैं जिन पर उन्हें क्रॉस वो¨टग करने का शक है। ऐसे पार्षदों को वोट डालने के बाद उसका सुबूत देना होगा। जबकि मतदान पूरी तरह से गोपनीय होता है। ऐसे में पार्षदों को मतदान के बाद फोटो खींचकर लाने के लिए कहा जाएगा। मतदान के समय पार्षदों को अपने साथ मोबाइल रखने की इजाजत नहीं है। ऐसे में पार्षदों को विशेष तौर पर ऐसे पैन दिए जाएंगे जिनमें कैमरे लगे होते हैं। जबकि कुछ पार्षद खुद भी अपनी ईमानदारी दिखाने के लिए फोटो खींचकर लाने की रणनीति बना रहे हैं।
आज पार्षदों को डिनर दे रहे हैं उम्मीदवार
बुधवार को भाजपा के सभी पार्षदों को डिनर दिया जा रहा है। इसके लिए सेक्टर-7 में होटल बुक करवाया गया है। इस डिनर में भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन, संगठन मंत्री सहित सभी सीनियर नेता भी मौजूद रहेंगे। यह डिनर भाजपा के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के उम्मीदवारों द्वारा दिया जा रहा है। मंगलवार को भाजपा की मेयर उम्मीदवार पार्षदों के साथ मोबाइल फोन से संपर्क में रही।
गुटबाजी किसी से छिपी नहीं : छाबड़ा
कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि भाजपा पार्षदों और नेताओं की गुटबाजी किसी से भी छिपी नहीं है। ऐसे में इसका फायदा कांग्रेस के उम्मीदवारों को मिलेगा। जबकि कांग्रेस के सभी पार्षद एकजुट हैं।