हथियार नहीं किताब उठाओ, समाज को जागरूक करने के लिए बनाएं फिल्में
पंजाब के गीतों में हथियार शब्द का इस्तेमाल आम है। ऐसे में इसे लेकर जागरूकता हमें ही लानी होगी। हमें ही बताना होगा कि हथियार नहीं हाथों में किताब जरूरी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब के गीतों में हथियार शब्द का इस्तेमाल आम है। ऐसे में इसे लेकर जागरूकता हमें ही लानी होगी। हमें ही बताना होगा कि हथियार नहीं हाथों में किताब जरूरी है। ऐसे में इस फिल्म को बनाने की सोची। जिसमें हथियार उठाने के परिणाम और गैंगस्टर बनने के बाद परिवार को आने वाली समस्याओं को दिखाया जाएगा। निर्देशक सागर एस शर्मा ने कुछ इसी अंदाज में अपनी फिल्म मित्रां नूं शौक हथियार दा पर बात की।
सोमवार को प्रेस क्लब-27 में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में शर्मा के साथ लेखक अजय कुमार और एक्टर दीप जोशी, प्रीत बाट, वीर वशिष्ठ, सिद्धि आहूजा और माहिमा हूरा शामिल हुए। शर्मा ने कहा कि इन दिनों पंजाबी इंडस्ट्री में कई महत्वपूर्ण विषयों पर फिल्में बन रही हैं, ऐसे में हमें भी समाज के प्रति जागरूक होने के लिए ऐसी फिल्म को बनाना ही चाहिए। पंजाब में गैंगस्टर कल्चर को दिखाया जाएगा अजय ने कहा कि उन्होंने फिल्म में पंजाब में गैंगस्टर को बारीकी से दिखाया है। इसमें उन्होंने दिखाया है कि कैसे पंजाब में हथियार सप्लाई किए जाते हैं। ऐसे में ये भी पता चलता है कि युवाओं को कौन गुमराह कर रहा है। फिल्म में बजट को देखते हुए इसके लेखन में हमने काफी मेहनत की है। इसमें हम चाहते हैं कि युवा सही संदेश लें। हथियार से कोई फायदा नहीं है, युवा अकसर इसे हाथ में लेकर अपनी शान बढ़ाते हैं। ऐसे में मैंने इसके विरुद्ध शांति को प्रमुखता देते हुए इस पर फिल्म लिखने की सोची। हमनें इसमें ज्यादातर नए चेहरे लिए हैं। ऐसे में हमारी कोशिश बेहतर सिनेमा देने की है, ऐसे में इसकी मे¨कग पर भी हम जोर देंगे। जल्द ही फिल्म की शू¨टग शुरू होगी और यकीनन पंजाब के युवाओं को इससे कुछ सीखने को मिलेगा। फिल्म जुलाई तक रिलीज होगी।